चुनाव को प्रभावित करने वाली किसी भी बदनियत व्यवस्था से निपटने के लिए सारे बंदोबस्त किए
नई दिल्ली । मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव को प्रभावित करने वाली किसी भी बदनियत व्यवस्था से निपटने के लिए सारे बंदोबस्त कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 4एम चुनाव में सबसे ज्यादा माहौल खराब करते हैं। इन सबको न सिर्फ पहले पहचाना जा रहा है, बल्कि उनसे निपटने के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
लोकसभा चुनाव में वैसे तो चुनाव आयोग ने बहुत सी तैयारियां की हैं। इन तैयारियों में चुनाव आयोग ने ‘चार एम’ को चिन्हित किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक आने वाले लोकसभा चुनाव में 4एम की चुनौतियों से निपटने के पुख्ता बंदोबस्त कर लिए गए हैं। इसके लिए बकायदा आयोग से लेकर प्रदेश और जिले से लेकर तहसील समेत प्रत्येक पोलिंग बूथ पर ऐसी सघन मॉनिटरिंग होने वाली है, जिसमें न तो नेताजी के बिगड़े बोल माहौल खराब कर पाएंगे। और न ही धनबल से डिजिटल ट्रांसफर होने वाले रुपयों से चुनावी माहौल खराब हो पाएगा। अमर उजाला डॉट कॉम के पूछे गए सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने स्पष्ट किया कि इस बार 4एम से निपटने की मजबूत व्यवस्था की गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव को प्रभावित करने वाली किसी भी बदनियत व्यवस्था से निपटने के लिए सारे बंदोबस्त कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 4एम चुनाव में सबसे ज्यादा माहौल खराब करते हैं। इन सबको न सिर्फ पहले पहचाना जा रहा है, बल्कि उनसे निपटने के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। 4एम में मसल्स यानी ताकत, मनी यानी पैसा और मिस इनफॉरमेशन मतलब गलत सूचना और एमसीसी के उल्लंघन से निपटने के लिए इस चुनाव में कड़े इंतजाम शामिल हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव में किसी तरीके से बाहुबल का इस्तेमाल कर चुनावी प्रक्रिया को बाधित नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए बाकायदा सीएपीएफ की स्पेशल टीम और विशेष दस्ते तैनात किए गए हैं। इसके अलावा प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के
हिस्ट्रीशीटर पर नजर रखने के व्यापक बंदोबस्त पुलिस प्रशासन को दिए गए हैं। चुनाव आयोग ने हिंसा रहित चुनाव आयोजित करने के लिए न सिर्फ ड्रोन की व्यवस्था की है, बल्कि इंटरनेशनल और अंतर राज्य बॉर्डर पर भी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।
चुनाव आयोग ने सिर्फ ताकत ही नहीं बल्कि पैसे से चुनाव प्रभावित करने वालों पर कड़े और सख्त कदम उठाने की तैयारी की है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि अगर कोई डिजिटल माध्यम से भी लोगों के मोबाइल में पैसा ट्रांसफर करेगा, तो इसकी भनक चुनाव आयोग को लग जाएगी। इसके लिए बाकायदा चुनाव आयोग ने डिजिटल टेक्नोलॉजी माध्यम से सघन मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है। इस दौरान साइबर एक्सपर्ट की टीम न सिर्फ एक-एक ट्रांजैक्शन को मॉनिटर कर रही होगी।
बल्कि विशेष इलाकों में पेटीएम, गूगल पे या अन्य डिजिटल माध्यम वाले ट्रांसफर करने वाले और पाने वाले की पूरी जानकारी एकत्र हो रही होगी। इसके अलावा न सिर्फ जमीन बल्कि आसमान से लेकर समुद्री मार्ग के सभी ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था को भी बहुत बारीकी से जांचने के आदेश दिए गए हैं।
चुनाव आयोग ने न सिर्फ सोशल मीडिया बल्कि किसी भी तरीके के माध्यम से गलत सूचना प्रकाशित करने पर कड़े संज्ञान की चेतावनी दी है। इसके लिए बाकायदा राजनीतिक पार्टियों को पहले से ही इसके लिए ताकीद किया जा चुका है। चुनाव आयोग की टीम भी ऐसे कंटेंट पर बाकायदा नजर रखेगी। जहां पर जरूरत होगी, उस कंटेंट को न सिर्फ निष्प्रभावी किया जाएगा बल्कि संबंधित खबर फैलाने वाले पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसी तरह चुनाव प्रक्रिया के दौरान अपनी गलत बयानबाजी और तीखे भाषणों की वजह से माहौल खराब करने वाले नेताओं पर भी सख्ती करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान भाषण बाजी में कोई भी नेता व्यक्तिगत रूप से कोई भी टीका टिप्पणी किसी पर नहीं करेगा। उनका कहना है कि पिछले चुनावों के दौरान देखे गए ऐसे भाषणों के बाद न सिर्फ राजनीतिक पार्टियों को अपने स्टार प्रचारकों से जनता से मुद्दों पर बात करने और चुनाव आयोग के आदेशों का पालन करने के लिए हिदायत दी गई है। इसके अलावा उन्होंने कहा अगर चुनावी सभा में जातिगत आधार पर कोई बातचीत या भाषण किए जाते हैं, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।