तदर्थ विनियमित शिक्षकों को पेंशन की दरकार : किरमोलिया
बागेश्वर गरुड़ । जनपद पिथौरागढ़ और चंपावत का शिक्षा विभाग सेवानिवृत्त तदर्थ विनियमित शिक्षकों को पेंशन एवं ग्रेच्युटी नहीं दे रहा है। जबकि ऐसे शिक्षकों को सेवानिवृत्त हुए एक साल से अधिक हो गया है।एक शिक्षक तो इस कारण डिप्रेशन के शिकार हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऐसे शिक्षकों को आर्थिक परेशानियों से अलग जूझना पड़ रहा है।
ठीक इसके विपरीत अल्मोड़ा, नैनीताल एवं प्रदेश के अन्य जनपदों में सेवानिवृत्त शिक्षकों को पेंशन और ग्रेच्युटी का नियमित भुगतान किया जा रहा है।
सेवानिवृत्त शिक्षक श्री रतन सिंह किरमोलिया ने बताया कि तदर्थ विनियमित शिक्षकों की पेंशन की गणना उनकी नियुक्ति तिथि से करने के स्पष्ट प्रावधान है। इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी तदर्थ विनियमित शिक्षकों के हित में फैसला दिया है।
आश्चर्य की बात यह है कि एक राज्य,एक विभाग और एक ही मंडल में लंबे समय से सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार किस कारण किया जा रहा है। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है।
इस संबंध में पिथौरागढ़ और चंपावत जनपद के शिक्षक लगातार लिखा पढ़ी कर रहे हैं। यहां तक कि कुछों ने वकील के माध्यम से विभागीय उच्चाधिकारियों को नोटिस तक भिजवा दिया है। परंतु विभाग की चुप्पी समझ से परे है।
श्री किरमोलिया ने मांग की हैं कि सेवानिवृत्त शिक्षकों को परेशान करने और आर्थिक तंगी से जूझ रहे ऐसे शिक्षकों के प्रकरणों का क्या विभाग/शासन संज्ञान लेगा ?