December 2, 2024

नारी अस्मिता पर मोदी जी


   पिछले दिन मोदी जी ने एक भाषण के दौरान कहा था कि महिलाओं के साथ यौन अपराधों पर अपराधी को उम्र कैद या फांसी दी जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि सरकारें है आती जाती रहेंगी । इसमें राजनीति नहीं आनी चाहिए । यह बयान मोदी जी ने बंगाल की घटना को ध्यान में रखते हुए दिया है । कोई भी इस पर आपत्ति नहीं कर सकता । सभी पक्ष यही मांग कर रहे हैं ।
    जो बात सतई तौर पर ठीक है उसका कोई कैसे विरोध कर सकता है । परन्तु क्या सभी राजनैतिक दल पाक साफ हैं? एक सपा से सम्बन्धित यौन अपराधी के लिए सपा डी.एन.ए. टेस्ट की बात कर रही है । पश्चिम बंगाल की घटना में केन्द्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है । कोलकाता हाईकोर्ट ने इस राज्य सरकार की विफलता बतलाया है । सुप्रीम कोर्ट ने भी इस घटना पर बहुत कड़ा रुख अपनाया है। भाजपा ममता बनर्जी का इस्तीफा मांग रही है ?
   परन्तु कोलकाता की घटना से पूर्व क्या पहले महिलाओं के साथ यौन अपराध नहीं हुए हैं? क्या यौन अपराधी केवल पश्चिम बंगाल में रहते हैं? जब कोलकाता की घटना हुई थी तभी उत्तराखण्ड में एक नर्स की लाश एक महीने बाद मिली थी जिसके साथ यौन अपराध हुआ था । उस दिन उस नर्स की लाश मिली थी तो मात्र टी.वी. चैनल ने उस घटना का उल्लेख किया था, वस एक बार । फिर न तो उस टी.वी. चैनल ने और न ही अन्य टी.वी. चैनल पर यह खबर आई । परन्तु अखबारों में अगले दिन यह खबर जरूर छपी थी ।
    रोज सुनाई पड़ता है कि मालिक अपनी महिला कर्मी के साथ यौन अपराध करते रहते हैं । ये पूरे देश में फैले हैं — भाजपा शासित राज्यों में भी । असल में दिक्कत तब आती है जब उस अपराधी के लिए कोई विशेष राजनैतिक दल या राज्य सरकार बचाव करना शुरू कर देती है । अनेक तथाकथित संत महात्माओं का नाम भी उछलता रहता है ।

   यौन वृत्ति एक स्वाभाविक प्रकृतिक क्रिया है । परन्तु सभ्य समाज में इस वृत्ति को प्रगटत: संयम में रहना होगा । विगत में कुश्ती की एक महिला खिलाड़ी ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन अपराध का आरोप लगाया था । आज विनेश फोगट को जो करोड़ रुपये दिये जा रहे हैं और सारा देश उसके गुणगान में लगा है, वह तब कहां था जब वह दिल्ली में धरना कर रही थी । यद्यपि उस अध्यक्ष को इस बार भाजपा ने लोकसभा का टिकट नहीं दिया परन्तु उसके बेटे को टिकट मिला । वह आज भी भाजपा की चादर ओढ़ रहा है उस पर मेहरबानी इसलिए क्योंकि उसका काफी क्षेत्र में प्रभाव है और वह जीत दिला सकता है ।
   कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है । वहां के एक मंत्री पुत्र पर गंभीर आरोप है कि उसने कई सैकड़ो महिलाओं, बालिकाओं का यौन शोषण किया है । उपरोक्त दोनों केसों में अभी तक पूरी चार्ज शीट तक तैयार नहीं हुई है ।
   राजनैतिक दल कोई भी हो– सत्ता पक्ष या विपक्ष । कोई भी अपनी पार्टी के कार्यकर्ता को यौन अपराध में लिप्त होने पर भी बचाव में उतर आता है । असल में महिला की कुल आबादी का आधा होने के बावजूद उसके प्रति सहानुभूति मात्र घडिय़ाली आंसू हैं । लोकसभा में 33त्न आरक्षण जिसका बहुत गुणगान किया जा रहा है वह अभी अगले 10 साल तक तो लागू नहीं होगा क्योंकि यह परिसीमन में अटका हुआ है । राष्ट्रीय महिला आयोग क्या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी पार्टी लाइन में काम करता है, ऐसा आरोप लोग लगाते हैं ।
   असल में महिलाओं को स्वयं कराटे सीखकर अपनी रक्षा खुद करनी होगी । उसे पिस्तौल का लाइसेंस मिले ताकि तिरछी नजर से देखने वालों पर वह गोली चला दे । उसे अपराध न माना जाये । यह पुरुष समाज तभी लाइन पर आयेगा ।