September 20, 2024

प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामला : ब्रिज कोर्स मामले में जवाब दाखिल करने को सरकार को फिर मौका


हल्द्वानी ।  प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए हाईकोर्ट ने फिर समय दिया है। कोर्ट ने सरकार से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है। मामले में अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने शुक्रवार को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से छह माह का ब्रिज कोर्स कर चुके अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में रेगुलर डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के समकक्ष मानने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की।  अल्मोड़ा निवासी गोपाल सिंह एवं ब्रिज कोर्स प्रशिक्षित 115 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वे बीएड डिग्रीधारी हैं। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त ब्रिज कोर्स किया है। वे प्राथमिक शिक्षक बनने की पूर्ण योग्यता रखते हैं। लेकिन सरकार विभागीय शासनादेश एवं प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की विज्ञप्ति में उन्हें डीएलएड प्रशिक्षण के समकक्ष नहीं मान रही है। ऐसी स्थिति में सभी प्रशिक्षित बेरोजगार प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 2016 में चयनित बीएड-टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को विशेष सेवारत प्रशिक्षण एनआईओएस से एनसीटीई मान्यता प्राप्त समान नियमों के तहत दिया गया। ऐसे में उन्हें भी विभागीय डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के समकक्ष माना जाए। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि नौ अगस्त से काउंसिलिंग शुरू हो चुकी है, उन्हें इसमें शामिल किया जाए। ब्रिज कोर्स प्रशिक्षितों के संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने यह कोर्स एनसीटीई के नियमों के तहत किया है। लेकिन उन्हें सरकार एवं शिक्षा विभाग नई भर्ती प्रक्रिया में उन्हें शामिल नही कर रहे हैं। वर्तमान में करीब 2900 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। उन्हें भी इसमें प्रतिभाग करने का मौका दिया जाए। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने यह कोर्स 2017 से 2019 के बीच पूरा कर लिया था।