November 22, 2024

शिक्षा विभाग का जीओ 2158 के गायब होने की एसआईटी जांच कराए सरकार: शिक्षक संघ


देहरादून । उत्तराखंड के सीधी भर्ती और प्रमोशन प्रवक्ताओं का वरिष्ठता विवाद लाइलाज बन गया। जिस प्रकार दोनों पक्षों का रुख है, उसमें इसका समाधान होना मुश्किल होता जा रहा है। इस बीच शिक्षा विभाग ने खुद को इस विवाद से अलग कर लिया है। महानिदेशक-शिक्षा झरना कमठान का कहना है कि यह विषय हाईकोर्ट के विचाराधीन है। जीओ-2158 के गायब होने के बाबत भी कोर्ट अवगत है। विभाग कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे कार्यवाही करेगा। इस मामले में केस को जारी रखने अथवा वापस लेने का निर्णय संबंधित शिक्षक ही कर सकते हैं। इधर,राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने शुक्रवार को महानिदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक से प्रमोशन वाले प्रवक्ताओं को तदर्थ नियुक्ति की तारीख से वरिष्ठता देने से संबंधित जीओ-2158 के गायब होने की एसआईटी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि इस जीओ का सामने आना अनिवार्य हो गया है। इस जीओ की वजह से हजारों शिक्षकों की वरिष्ठता और प्रमोशन के मामले 14 साल से लटके हुए हैं। इसलिए सरकार का विशेष संज्ञान लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए। मालूम हो कि हाईकोर्ट में इस जीओ का मामला आने पर तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने 21 फरवरी 2024 को रायपुर थाने में इसी गुमशदुगी की रिपोर्ट दर्जा कराई थी।

अगस्त 2010 का मौलिक नियुक्ति होने पर बैक डेट से वरिष्ठता देना सरासर गलत है। जिस जीओ 2158 को बैक डेट वरिष्ठता देने का आधार बनाया जा रहा है, वो भी गायब है। हम इस बात के लिए भी तैयार है कि यदि उस जीओ में इस बाबत प्रावधान किए गए तो उन्हें स्वीकार कर लिया जाएगा।    -मुकेश बहुगुणा, अध्यक्ष प्रवक्ता कल्याण समिति

बीते रोज समाधान बैठक में कोई हल न निकलने बाद प्रमोशन प्रवक्ताओं ने पृथक से बैठक कर चर्चा की। पूर्व की तिथि से दी गई वरिष्ठता गलत नहीं बल्कि नियमानुसार है। लोक सेवा आयोग के अनुमोदन के बाद ही वरिष्ठता तय की गई है। इसलिए वर्तमान वरिष्ठता सूची के आधार पर ही आगे प्रमोशन होने चाहिएं।    – नरेश जमलोकी, प्रमोशन प्रवक्ताओं के प्रतिनिधि