जूनियर हाईस्कूल रौल्याना में शिल्प आर्ट कार्यशाला सम्पन्न
बागेश्वर गरुड । उत्तराखंड के जनपद बागेश्वर में नवाचारी क्रियाकलाप के लिए जूनियर हाईस्कूल रौल्याना को हमेशा जाना जाता है। माह अक्टूबर 2024 में नई शिक्षा नीति पर आधारित तीन दिवसीय शिल्प कला कौशल विकास कार्यशाला रौचक अनुभवों के साथ सम्पन्न हुई। बच्चों ने उत्तराखंड महाराष्ट्र बिहार सहित अन्य कई राज्यों की कला संस्कृति को जाना। प्रधानाध्यापक नीरज पन्त ने जानकारी दी कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ( डायट ) बागेश्वर से शिल्प कला प्रशिक्षित अंग्रेजी भाषा शिक्षक भाष्कर पन्त ने ‘हमारी संस्कृति हमारी शान’ कार्यशाला का आयोजन किया । जिसमें कांटन कपड़े में फेब्रिक कलर से कुमांऊनी धरोहर ऐपण, रंगोली, मधुबनी कैनवास, मिथिला आर्ट, वर्ली आर्ट आदि का निर्माण किया। कलाओं के मिश्रण से बच्चों को शानदार अनुभव मिला। यह कार्यशाला ऐपण, रंगोली एवं भारतीय राज्यों की कला को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
भारतवर्ष की नई शिक्षा नीति स्थानीय कलाओं को जानने, समझने और अपनाने के लिए कौशल विकास मंच उपलब्ध कराती है जिसकी भूमिका रोजगार पाने में लाभदायक सिद्ध होती है।
मास्टर ट्रेनर भाष्कर पन्त ने विद्यालय के कलाकारों को धरातलीय डिजाइन ट्रेनिंग देते हुए समझाया कि यह हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य अपनी संस्कृति और सभ्यता से रूबरू कराने के साथ ही विभिन्न राज्यों की संस्कृति को समझकर उसके महत्व को जानना है।
जूनियर हाईस्कूल रौल्याना के छात्र-छात्राओं ने पहली बार कांटन कपड़े में फेब्रिक रंगों से आकर्षक ऐपण, रंगोली, मधुबनी कला, मिथिला कला, वर्ली कला और क्राफ्ट तैयार किये। कार्यशाला में विद्यालय के सभी बच्चे उत्साहित नजर आ रहे थे।
प्रधानाध्यापक नीरज पन्त ने कार्यशाला की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि यह कार्यशाला अतुलनीय है कला बच्चों में सुन्दर मस्तिष्क के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाती है।
कार्यशाला में प्रधानाध्यापक नीरज पन्त शिक्षक भाष्कर पन्त एस एम सी अध्यक्ष मदन गिरी सोनू गोस्वामी हिमानी बिष्ट मीरा गोस्वामी हिमानी मेहरा हरेन्द्र गिरी अंजली गोस्वामी बबली गोस्वामी सोना गोस्वामी हेमा गोस्वामी दिव्या गोस्वामी सहित दर्जनों बच्चे उपस्थित रहे।