September 21, 2024

उत्तराखंड की विकास नीति महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाये : राज्यपाल

देहरादून ( आखरीआंख समाचार ) राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 70वें गणतंत्र दिवस पर प्रदेश के सभी नागरिकों को बधाई दी है और प्रदेश की खुशहाली की कामना की है। उन्होंने स्वाधीनता संग्राम के महान सेनानियों, भारतीय संविधान के निर्माताओं, राज्य आंदोलनकारियों तथा मातृभूमि के रक्षा के लिए समर्पित वीर जवानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है। राज्यपाल शनिवार 26 जनवरी को राजभवन में प्रातः8.30 बजे तथा परेड़ ग्राउण्ड में आयोजित राजकीय समारोह में प्रातः10.30 बजे ध्वजारोहण करेंगी तथा परेड़ की सलामी लेंगी। जनता के नाम संदेश में राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2020 में उत्तराखण्ड राज्य को 20 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिसको यादगार बनाने के लिए हमें अभी से अपनी शत्-प्रतिशत ऊर्जा के साथ, प्रदेश और देश के विकास में जुट जाना होगा। राज्य की महिलाओं की प्रंशसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्हें सबसे अधिक उत्तराखण्ड की महिलाओं ने प्रभावित किया है। वे बहुत ही परिश्रमी और धैर्यवान हैं। उत्तराखण्ड की विकास की नीतियाँ महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाई जानी जरूरी है।
        उन्होंने कहा  कि राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगिक विकास तथा रोजगार सृजन पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश की सभी 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेन्टर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। औद्योगिक विकास की दिशा में राज्य में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है। ‘‘मुझे विश्वास है कि इन प्रयासों से राज्य में उद्योगों की स्थापना में तेजी आएगी तथा रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।’’ राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड हमेशा से ही देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। पर्यटन यहाँ के आर्थिक विकास में सदैव केन्द्रीय भूमिका में रहा है। सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान कर दिया है। अब समय आ गया है कि सभी मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराते हुए अपने पर्यटक स्थलों को अंर्तराष्ट्रीय स्तर का डेस्टिनेशन बनाया जाए। राज्य सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के सफल आयोजन से उत्तराखण्ड को ‘‘स्प्रिचुअल इको जोन‘‘ के रूप में पहचान मिली। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री की जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत को उत्तराखण्ड में विस्तार देते हुए अटल आयुष्मान योजना लागू की गई है। उत्तराखण्ड सभी परिवारों को निशुल्क स्वास्थ्य कवर देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।  वर्ष 2022 तक भारत के किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रदेश में कई कदम उठाए गए हैं। उत्तराखण्ड को पूर्ण रूप से ऑर्गेनिक स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ‘‘मेरा विश्वास है कि हॉर्टिकल्चर, फ्लोरीकल्चर, जड़ी-बूटी तथा एरोमैटिक खेती किसानों की आमदनी का एक प्रमुख स्रोत हो सकती है।’’राज्यपाल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से जन सेवाओं की डिलीवरी पारदर्शी एवं तेज होती है। इसलिए हमारे देश के नीति निर्धारकों ने डिजिटल भारत का नारा दिया है। डिजिटल भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमें एक डिजिटल उत्तराखण्ड भी बनाना होगा। इस दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल करते हुए देहरादून में देश का प्रथम एच सी आई टेक्नोलॉजी स्टेट डाटा सेंटर स्थापित किया गया है। राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं का इस प्रदेश के विकास में बड़ा योगदान है। ‘‘प्रदेश के कुछ जनपदों में औसत से कम लिंगानुपात मुझे चिंतित करता है। बेटियों का महत्व बेटों से किसी भी रूप में कम नहीं है। बेटियां समाज के हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं।’’राज्यपाल ने कहा कि राज्य में कई स्थानों पर महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है। बद्रीनाथ धाम में प्रसाद योजना के अन्तर्गत महिलाओं द्वारा कुट्टू और चैलाई का प्रसाद बनाया जा रहा है। ऐसे अभिनव प्रयासों से मातृशक्ति को आर्थिक संबल मिलता है। ‘‘मेरा सभी बहनों-बेटियों से अनुरोध है कि अपनी शक्ति स्वयं बनें और एक नए उत्तराखण्ड, नए भारत के निर्माण में सहयोग प्रदान करें।’’राज्यपाल ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए अध्यापकों के स्तर में सुधार लाने के साथ ही, आधुनिक तकनीक के प्रयोग को भी बढ़ावा देना होगा। विश्वविद्यालयों को मौलिक शोध के लिए प्रोत्साहित करना होगा। तभी हमारे विश्वविद्यालयों का स्तर ऊंचा उठेगा। शिक्षा का सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों से जुड़ा होना जरूरी है।