September 21, 2024

गुणवत्तापरक शिक्षा से ही बच्चों के सुनहरे भविष्य का निर्माण किया जा सकता है : जिलाधिकारी

 

बागेश्वर ( आखरीआंख ) केन्द्रीय विद्यालय बागेश्वर की विद्यालय प्रबन्धन समिति की बैठक आज जिलाधिकारी रंजना राजगुरू की अध्यक्षता में सम्पन्न हुर्इ। जिसमें केन्द्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य कृष्णा गोपाल ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि पूर्व बैठक में आपके द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में समय समय पर अभिभावकों के साथ बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। बैठक में अभिभावकों को उनके बच्चों के संबंध में जानकारियॉ दी जा रही है और शैक्षिक योग्यता स्तर के साथ साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में भी उनके द्वारा की गयी भागीदारी के बारे में बताया जा रहा है। जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्य को निर्देशित करते हुए कहा कि स्कूल में बच्चे स्मार्ट फोन आदि का इस्तेमाल न करें इस बात का कढार्इ से पालन किया जाय। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाय कि बच्चें नियमित रूप से कक्षााओं में उपस्थित हो, लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे बच्चों के संबंध में उनके अभिभावकों के साथ बैठक की जाय ताकि वस्तु स्थिति से अवगत हुआ जा सके।
बैठक में केन्द्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य ने वी0के0 प्रिन्टर की एक वर्ष की सेवा विस्तार के संबंध में प्रस्ताव समिति के समक्ष रखा गया जिस पर जिलाधिकारी ने नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु समिति को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्य को निर्देशित करते हुए कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए निरंतर कक्षा-कक्षों का निरीक्षण करें। कक्षा में कमजोर बच्चों को होशियार बच्चों के साथ बैठायें तथा पीछे बैठने वाले बच्चों को क्रमवार रूप से आगे बैठायें। बच्चों के शैक्षिक मुल्यांकन किये जाने के लिए अतिरिक्त कक्षायें लगाते हुए दैनिक परीक्षा भी लें, ताकि कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए उनकी शैक्षिक योग्यता का विकास किया जा सके। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि बच्चों के स्वास्थ परीक्षण हेतु समय-समय पर स्कूल में कैम्प लगवायें तथा ऐसे बच्चें जो मानसिक दबाव आदि के कारण अपना बेहतरीन प्रर्दशन नहीं कर पा रहे है उन बच्चों की काउंसलिंग मनोचिकित्सक से भी करायें।
बैठक के उपरान्त जिलाधिकारी ने अभिभावकों एवं शिक्षकों से वार्ता करते हुए कहा कि बच्चे देश के भविष्य है एक मजबूत नीव पर भी एक बेहतर भवन का निर्माण किया जा सकता है जिसके लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक अभिभावक अपने बच्चों को प्रर्याप्त समय दें। उन्होंने अभिभावकों को कहा कि शिक्षा की प्रथम पाठशाला परिवार है। बच्चे अपने अभिभावकों से ही संस्कार आदि ग्रहण करते है। इसलिए यह अतिआवश्यक है कि प्रत्येक अभिभावक बच्चों की आदतों एवं उनकी संगती पर नजर रखें जिससे उन्हें गलत दिशा में बढ़ने से रोका जा सके। उन्होंने शिक्षकों को निर्देशित करते हुए कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा से ही बच्चों के सुनहरे भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। इसलिए प्रत्येक शिक्षक अपने कर्तव्यों को र्इमानदारी पूर्वक निर्वहन करें। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक बच्चे में कुछ न कुछ विशेष अवश्य होता है आवश्यकता इस बात की है कि उस विशेष को पहचान कर उसका विकास किया जाय।
उन्होंने जिला क्रीड़ा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि ऐसे बच्चे जो खेल के क्षेत्र में प्रतिभावान उन्हें आगे बढ़ने के प्रर्याप्त अवसर प्रदान करने हेतु प्रचार्य से समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें सरकार द्वारा चलार्इ जा रही योजनाओं के तहत लाभान्वित करें। बैठक में उप जिलाधिकारी बागेश्वर राकेश चन्द्र तिवारी, जिला विकास अधिकारी के.एन.तिवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 जे.सी.मण्डल, जिला क्रीड़ा अधिकारी विनोद वल्दिया, अभियोजन अधिकारी भूपेन्द्र सिंह जंगपागी, अभिभावक संघ सदस्य दीपा आर्या, कुलदीप मेहता सहित अभिभावक एवं शिक्षक मौजूद थे।