November 24, 2024

टी20 में जीतते-जीतते हार गया भारत

नई दिल्ली ( आखरीआंख )   ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी गेंद तक खिंचे कम स्कोर वाले पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में रविवार को यहां भारत पर तीन विकेट से रोमांचक जीत दर्ज की। इसके साथ ही उसने दो मैचों की सीरीज में शुरुआती बढ़त बना ली है। भारत ने पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर सलामी बल्लेबाज केएल राहुल (36 गेंदों पर 50 रन) के अर्धशतक से पहले 9 ओवरों में 76 रन जुटाए, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी (37 गेंदों पर नाबाद 29) की मौजूदगी के बावजूद वह आखिरी के 11 ओवरों में केवल 50 रन ही बना सका।
इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने उसे 7 विकेट पर 126 रन पर रोक दिया। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ग्लेन मैक्सवेल (43 गेंद पर 56) और डार्सी शॉर्ट (37 गेंद पर 37) के बीच तीसरे विकेट के लिए 84 रन की साझेदारी से एक समय आसान जीत की तरफ से बढ़ रहा था, लेकिन भारत ने शानदार वापसी की। इसका श्रेय जसप्रीत बुमराह (16 रन देकर तीन विकेट) को जाता है।
यूं रोमांचक हुआ मैच
मैक्सवेल के आउट होने के बाद शॉर्ट और एश्टन टर्नर के आउट होने से मैच अचानक रोमांचक बन गया। मार्कंडेय ने दबाव में अछी गेंदबाजी करके 18वें ओवर में केवल पांच रन दिए। ऑस्ट्रेलिया को दो ओवरों में 16 रन की दरकार थी। बुमराह ने 19वें ओवर में केवल दो रन दिए तथा पीटर हैंडसकॉब (15 गेंद पर 13) और नाथन कूल्टर नाइल (चार) को आउट करके भारतीय खेमे में उमीद जगा दी, लेकिन उमेश आखिरी ओवर में 14 रन लुटा गए।
उनकी शानदार गेंदबाजी के कारण ही एक वक्त मजबूत दिख रही ऑस्ट्रेलिया के सामने अंतिम छह गेंदों पर 14 रन बनाने का मुश्किल लक्ष्य आ गया। उमेश यादव आखिरी ओवर करने आए। उनके सामने ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाज जे. रिचर्डसन (नाबाद 7) और पैट कमिंस (नाबाद 7) थे। इन दोनों ने उमेश पर एक एक चौका लगाया। कमिंस ने 5वीं गेंद चार रन के लिए भेजी और अंतिम गेंद पर दो रन लेकर टीम का स्कोर 7 विकेट पर 127 रन पर पहुंचा दिया।

बुमराह ने पूरी की विकेटों की फिटी, बना रेकॉर्ड
126 रनों के छोटे से लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया के लिए बेहद मुश्किल बनाने वाले जसप्रीत बुमराह ने इंटरनैशनल टी-20 में एक उपलब्धि हासिल की। विशापत्तनम क्रिकेट ग्राउंड में खेले गए दो मैचों के टी-20 सीरीज के पहले मुकाबले में उन्होंने 4 ओवर में महज 16 रन देते हुए 3 विकेट अपनी झोली में डाले। इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय टी-20 करियर में विकेटों का पचासा भी पूरा किया। हालांकि, इस मैच में भारत को 3 विकेट से हार झेलनी पड़ी।
वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज बन गए हैं, जबकि ओवरऑल दूसरे हैं। उनसे पहले दिग्गज स्पिनर आर. अश्विन ने यह उपलब्धि हासिल की है। अश्विन के नाम 46 इंटरनैशनल मैचों में कुल 52 विकेट दर्ज हैं, जबकि बुमराह के खाते में 51 विकेट हो गए हैं। बुमराह ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए 41 मैच खेले हैं।
बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में अपना पहला शिकार कप्तान आरोन फिंच (0) को बनाया। इसके बाद उन्होंने पीटर हैंड्सकॉब (13) को धोनी के हाथों लपकवाते हुए पविलियन की राह दिखाई। यह उनका 50वां विकेट रहा। मैच में उनके तीसरे शिकार नाथन कुल्टर नाइल (4) बने।
इंटरनैशनल टी-20 में सबसे अधिक विकेटों के वर्ल्ड रेकॉर्ड की बात करें तो यह पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी के नाम है। अफरीदी (पाकिस्तान और आईसीसी के लिए) के नाम 99 मैचों में कुल 98 विकेट हैं, जबकि दूसरे नंबर पर श्री लंका के लसिथ मलिंगा हैं। मलिंगा ने 70 मैचों में अब तक 94 विकेट लिए हैं। बांग्लदेश के ऑलराउंडर शाकिब के नाम 72 मैचों में 88 विकेट हैं।

स्लॉग ओवर्स में सिर्फ बल्ला घुमाते रहे बेबस एमएस धोनीभा

भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज के पहले मैच में 3 विकेट से हार मिली। विशाखापत्तनम में मैच का फैसला आखिरी गेंद पर हुआ। मैच में केएल राहुल की शानदार हाफ सेंचुरी पारी खेली, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 मैच में बाकी भारतीय बल्लेबाज नाकाम रहे, जिससे टीम बोर्ड पर सिर्फ 126/7 का सामान्य स्कोर ही टांग सकी। एक वक्त जहां वह 160-180 के बीच दिख रही थी तो स्लॉग ओवर्स में विकेट गंवाने और धोनी की बेहद धीमी बैटिंग ने उसे महज 126 तक ही पहुंचने दिया।

मैच में भारत ने लगातार विकेट गंवा दिए थे, लेकिन क्रीज पर धोनी अभी मौजूद थे, जिससे एक मजबूत टोटल की आस बनी हुई थी। स्लॉग ओवर शुरू हुए थे और पुछल्ले बल्लेबाज उमेश यादव क्रीज पर आ चुके थे। धोनी ने शुरुआत में बड़े शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन बॉल को कनेक्ट नहीं कर पाने के बाद सिंगल्स से काम चलाना शुरू किया। उमेश ने भी बचते-बचाते कुछ सिंगल्स लिए, लेकिन यादा देर मैदान पर ठहर नहीं सके।
उमेश के आउट होने के बाद धोनी ने पूरी तरह से बल्लेबाजी की जिमेदारी उठाने का फैसला किया। 18वां ओवर फेंकने आए रिचर्ड्सन पर धोनी की बड़े शॉट्स खेलने की कोशिश नाकाम रही और अंत में उन्होंने चौथी बॉल पर सिंगल लेकर युजवेंद्र चहल को स्ट्राइक दे दी। 19वें ओवर में भी स्ट्राइक पर धोनी थे। कमिंस की दूसरी बॉल पर दो रन लेने के बाद 5वीं बॉल पर उन्हें सिंगल से संतोष करना पड़ा।
अब इनिंग्स के अंतिम ओवर की बारी थी। धोनी कुछ बड़ा करना चाहते थे। एक बार फिर उन्होंने चहल को सिंगल के लिए मना किया और दूसरी गेंद पर जोरदार छक्का जड़ डाला। 9वें ओवर के बाद भारत की यह पहली बाउंड्री थी, लेकिन इसके बाद फिर धोनी बेबस नजर आए। उन्होंने बल्ला भी बदला लेकिन नए बल्ले से भी बाउंड्री नहीं निकली। नतीजा यह हुआ कि अंतिम 12 ओवर में भारतीय टीम केवल 61 रन ही जोड़ सकी। एक समय 22 बॉल पर 19 रन बना चुके धोनी अंत में 37 बॉल पर 29 रन बनाकर नॉटआउट पविलियन लौटे।
इसके साथ ही एमएस धोनी भारत के लिए दूसरी सबसे धीमी पारी (35 गेंद से अधिक की पारी) खेलने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। यह किसी भी भारतीय की इंटरनेशनल मैचों में सबसे धीमी बल्लेबाजी (37 गेंदों में 29 रन) भी है। रविंद्र जडेजा ने 2009 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स स्टेडियम में 35 गेंद पर 71.42 के स्ट्राइक रेट से 25 रन बनाए थे।