आखरीआंख परिवार की ओर से होलिका होली की हार्दिक शुभकामनायें
बागेश्वर ( आखरीआंख ) भारतवर्ष के प्राचीनतम् और मुख्य त्यौहारों में होली एक अद्भुत और पारम्परिक त्योहार है सम्पूर्ण भारतवर्ष मे होली फाल्गुन माह शक्ल पुर्णिमा को बड़े उत्सव और नाना प्रकार के रंगों से प्रेम और सद्भावना के साथ मनायी जाती है !
2019 में होलिका दहन एवं होली 20 मार्च और 21मार्च को मनायी जायेगी ,,होलिका दहन 20 मार्च को रात्रि 9 बजे के बाद होगा क्योंकि इस दिन सुबह 10:48 बजे से भद्रा है जो रात को समाप्त होगी शास्त्रों के मतानुसार भद्रा में होलिका दहन करना वर्जित है !
होलिका पूजन दिन सभी लोग मिलकर एक स्थान पर गोबर से लिप कर लकड़ी आदि को खड़ी रख कर उसे होलिका का स्वरूप देते है ,महिलायें फूल मालाओं से सुसज्जित कर उसपे रोली चावल गुलाल गुड गोला गन्ना कच्चे सूत से आदि से पूजन करती है और परिक्रमा करती है ! होलिका पूजन के ,बाद उसको दहन किया जाता है !और बीच में रखा एक लम्बा डंडा उसे जलाने से पहले अलग निकाल दिया जाता है उसे प्रह्लाद माना जाता है!,,पुर्णिमा का व्रत लेने वाले व्रत कर सकते है !
अगले दिन सर्वत्र होली छरोली मनायी जाती है ! इस दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर अपने घरों मे अपने ईष्ट का विधिवत पूजन करके नाना प्रकार के मिष्ठान व पकवान एवं नाना प्रकार के रंग भगवान को चढ़ाये जाते है ! उसके बाद सभी रिश्तेदारों को एवं आस पास सभी लोगों को रगों से तिलक किया जाता है ,,,होली पर्व भाईचारे समानता एवं खुशहाली का प्रतीक है ! हिरण्यकश्य ने भक्त प्रह्लाद को जलाने का प्रयत्न किया और अपनी बहन होलिका को जिसे अग्नि में ना जलने का वरदान प्राप्त था प्रहलाद को गोद में लेकर लकड़ी के ढेर मे जलाने को कहा किन्तु नारायण की कृपा से प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं हुवा और होलिका खुद ही जल गयी ,,,इसलिये अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक होली को माना जाता है ,,प्रेम और सौहार्द का अनुपम त्यौहार है होली ,,
होली के इस पावन पर्व पर आखरीआंख परिवार ( डिजिटल मीडिया ) के समस्त पाठको को सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं।