सबसे हाट सीट है नैनीताल-ऊधमसिंह नगर
हल्द्वानी ( आखरीआंख ) नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट इस बार उत्तराखंड की सबसे हॉट सीट है। पूर्व मुयमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के चुनाव लडऩे से इनकार करने के बाद भाजपा ने यहां से प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को उमीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुयमंत्री हरीश रावत को मैदान में उतारा है। कांग्रेस को केसी पंत से लेकर नारायण दत्त तिवारी जैसे दिग्गज नेता देने वाली नैनीताल सीट पर अब तक हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस 12, भाजपा तीन और जनता पार्टी-जनता दल एक-एक बार जीते है।
नैनीताल ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट उत्तराखंड के दो जिलों नैनीताल और ऊधमसिंह नगर को मिलाकर बनी है। इस सीट में पूरे ऊधमसिंह नगर के अलावा नैनीताल का कुछ हिस्सा आता है। इस सीट का गठन 2008 में हुए परिसीमन के बाद हुआ। 2009 में पहली बार इस सीट से कांग्रेस के केसी सिंह बाबा जीते थे। वर्तमान में यहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुयमंत्री भगत सिंह कोश्यारी सांसद हैं। भगत सिंह कोश्यारी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता केसी सिंह बाबा को रिकॉर्ड 284717 वोटों से हराया था।
नैनीताल लोक सभा सीट पर वर्ष 1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता एनडी तिवारी ने जीत दर्ज की थी। वह इस सीट पर पहली बार चुनाव जीतने के बाद केन्द्रीय मंत्रीमंडल में शामिल हुए थे। इंदिरा गांधी की सरकार में उन्हें संसदीय कार्य के साथ ही वित्त मंत्री की जिमेदारी मिली थी। केन्द्र में वित्त मंत्री बनने के बाद एनडी तिवारी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस सीट से वह तीन बार सांसद रहे। नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट में नैनीताल,भीमताल, और भावाली के अलावा अल्मोड़़ा से गलता पहाड़ी क्षेत्र ओखलकांडा भी आता है। भाबरी इलाका हल्द्वानी, रामनगर, लालकुआं एवं कालाढूंगी भी इसी सीट का हिस्सा है। ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड के तराई क्षेत्र का एक जिला है, जो कुमाऊं मंडल में आता है। ऊधम सिंह नगर पहले नैनीताल जिले का ही हिस्सा था। 30 सितंबर 1995 में नैनीताल जिले से तराई वाले क्षेत्र को अलग कर ऊधम सिंह नगर जिला बनाया गया। उत्तराखंड के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में से एक ऊधम सिंह नगर हरिद्वार और देहरादून के बाद उत्तराखंड का तीसरा सबसे बड़ा आबादी वाला जिला है। जिले के पंतनगर व सितारगंज क्षेत्र में देश के बड़े उद्योग स्थापित हैं। ऊधम सिंह नगर जिले में भारत की पहली गोविंद बल्लभ पंत एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी मौजूद है।
वर्ष 1962 से 67 व 71 में गोविंद बल्लभ पंत के पुत्र केसी पंत ने इस सीट पर हैट्रिक बनाते हुए कांग्रेस का दबदबा कायम रखा। लेकिन 1977 में लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के भारत भूषण ने जीत दर्ज कर पंत परिवार की विरासत पर ब्रेक लगा दिया था। फिर इस सीट पर पूर्व मुयमंत्री एनडी तिवारी सवार हुए। उन्होंने 1980 में जनता पार्टी के भारत भूषण को पराजित किया था। वहीं वर्ष 1991 में कांग्रेस में प्रधानमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे एनडी तिवारी को इस सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। रामलहर के चलते उन्हें भाजपा के बलराज पासी से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 1998 में भाजपा की इला पंत ने भी एनडी तिवारी को हराया। 1999 में एनडी तिवारी ने चुनाव जीतकर फिर से इस सीट को कांग्रेस की झोली में डाला। नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट परिसीमन के बाद 2009 में अस्तित्व में आई। 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के नेता केसी सिंह बाबा लोकसभा सांसद चुने गए इस सीट पर वर्तमान में कुल 19,07,490 मतदाता हैं। पुरुष मतदाता 10,06,567 व महिला मतदाताओं की संया 9,00,899 है। नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट में दो जिलों की कुल 14 विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें नैनीताल जिले की पांच सीटें- भीमताल, हल्द्वानी, कालाढुंगी, लालकुआं, नैनीताल विधानसभा और ऊधम सिंह नगर जिले की नौ विधानसभा सीटें- बाजपुर, गदरपुर, जसपुर, काशीपुर, खटीमा, किछा, नानकमत्ता, रुद्रपुर और सितारगंज शामिल हैं। वर्तमान में नैनीताल लोकसभा की 14 विधान सभा सीटों में से 11 सीटों पर भाजपा का कब्जा है।