गुलाबी रंग के बुरांश की बहार, पर्यटकों के चेहरे खिले
श्रीनगर गढ़वाल ( आखरीआंख ) उत्तराखंड के राय वृक्ष बुरांश उच हिमालयी क्षेत्रों में इस बार जमकर खिला है। लाल बुरांश की जगह गुलाबी रंग के बुरांश का ही हर कोई दीदार कर रहा है। रुद्रप्रयाग जिले के तुंगनाथ क्षेत्र में अभी तक बर्फ जमी है। तापमान में नमी होने के कारण इस बार गुलाबी रंग का बुरांश बड़ी मात्रा में खिला हुआ है। जिससे स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों के चेहरे खिले हैं। पर्यटक उच हिमालयी क्षेत्रों गुलाबी बुरांश को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। उच हिमालयी क्षेत्र तुंगनाथ वैली में गुलाबी बुरांश के फूल की खूब पैदावार हुई है। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार इस बार बर्फबारी भी पिछले सालों की तुलना अधिक गिरी एवं जमी है। जो अन्य सालों की तुलना अभी तक पिघली भी नहीं है। गुलाबी बुरांश के साथ बर्फ का लुत्फ लेने के लिए बड़ी संया में पर्यटक इन दिनों तुंगनाथ वैली में जा रहे है। जीबी पंत हिमालयन एवं पर्यावरण संस्थान के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ.आरके मैखुरी बताते है कि उच हिमालयी क्षेत्रों में पांच प्रकार की प्रजाति बुरांश की पाई जाती है। बुरांश इस बार बर्फ काफी देर तक जमी होने से खूब खिला है। गुलाबी बुरांश औषधि रूप में प्रयोग किया जा सकता है। दिल्ली से आये पर्यटक जयवीर पुंडीर, अमित सिंह, हिमांशु ने बताया कि लाल बुरांश तो पहले देख लिया था, किंतु गुलाबी बुरांश को देखकर काफी अछा लगा। तुंगनाथ मंदिर तक जाने वाले पैदल रास्ते में दोनों और गुलाबी बुरांश के खिलने से क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ गयी है। पर्यावरणविद देवराघवेन्द्र बद्री ने कहा कि 1992 के बाद क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि अप्रैल माह में भी तुंगनाथ वैली में बर्फ खूब जमी हुई है। जिस कारण बुरांश की पैदावार भी अधिक हुई है। उन्होंने कहा कि तुगनांथ क्षेत्र में फारेस्ट में बड़ी संया में निर्माण कार्य चल रहे हैं, जो प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे है। प्लास्टिक पर पूरी तरह से उच हिमालयी क्षेत्रों में प्रतिबंध लगना चाहिए।