प्रयागराज की तर्ज पर दिव्य व भव्य रूप से संपन्न कराया जाए हरिद्वार का महाकुंभः महंत नरेंद्र गिरी
हरिद्वार, ( आखरीआंख ) अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज के नेतृत्व में संतों के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों पर चर्चा की। मुलाकात के दौरान श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ को प्रयागराज कुंभ की तर्ज पर दिव्य व भव्य रूप से संपन्न कराया जाए। मेला कार्यों को गति देने के लिए जल्द से जल्द मेला अधिकारी की नियुक्ति की जाए। मुख्यमंत्री के समक्ष महाकुंभ मेले को लेकर संत समाज की मांगे रखते हुए श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि हरिद्वार में मेला भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाकर मेला क्षेत्र का विस्तार किया जाए। जिससे कुंभ स्नान के लिए आने वाले संतों व श्रद्धालुओं को निवास व अन्य जरूरतों के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध हो सके।
बैरागी कैंप से अतिक्रमण हटाकर तीनों बैरागी अणियों को वहां पर्याप्त भूमि आवंटित की जाए और बैरागी कैंप के सभी घाटों का सौन्दर्यकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेले के दृष्टिगत कराए जाने वाले कार्यों के तहत स्थायी प्रकृति के निर्माण कराए जाएं। जिससे मेला संपन्न होने के बाद भी बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं व हरिद्वार की जनता को इसका लाभ मिलता रहे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधिमण्डल को आश्वासन देते हुए कहा कि संत महापुरूष उनके पूज्यनीय हैं। अखाड़ा परिषद व संतों से समन्वय कर प्रयागराज की तर्ज पर ही हरिद्वार महाकुंभ को भव्य व दिव्य रूप से सकुशल संपन्न कराया जाएगा। पूरे मेला क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराने के साथ संतों की मंशा के अनुरूप मेला क्षेत्र का विस्तार भी किया जाएगा। पूरे मेला क्षेत्र में संतों व श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुरक्षा, यातायात व अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिण्डल में महंत डोंगर गिरी, महंत त्रिवेणी दास, पंडित अभय द्विवेदी आदि शामिल रहे।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने बताया कि जून के पहले सप्ताह में महाकुंभ मेले को लेकर सभी तेरह अखाड़ों की बैठक होगी। बैठक के दूसरे दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सभी अखाड़ों के संतों महंतों से महाकुंभ मेल की तैयारियों को लेकर चर्चा करेंगे।