40 करोड़ का लीसा डिपो में पड़ा डंप
हल्द्वानी, ( आखरीआंख ) सरकार की लापरवाही कहे या अधिकारियों की उदासीनता, कुमाऊं मंडल के 3 वन डिवीजनों में लगभग 40 करोड़ से अधिक का लीसा डंप पड़ा हुआ है। डंप पड़े लीसा से जहां सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वहीं लोगों को जान-माल का खतरा भी बना हुआ है। विभाग इसकी नीलामी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। पहाड़ों पर चीड़ पेड़ के तनों से निकलने वाला अति ज्वलनशील पदार्थ लीसा हर साल कुमाऊं के जंगलों से लगभग 2 लाख क्विंटल निकाला जाता है। इस लीसा की कीमत लगभग 1.5 करोड़ के आस पास आंकी जा रही है। प्रदेश में लीसा भंडारण के चार स्थान चयनित किए गए हैं, जिसमें दो लीसा डिपो हल्द्वानी में स्थित हैं, जबकि दो डिपो टनकपुर और गढ़वाल मंडल के नरेंद्र नगर में स्थापित हैं। सबसे ज्यादा भंडारण हल्द्वानी डिपो के सुल्तान नगरी और हनुमानगढ़ी में किया जाता है।
हल्द्वानी डिपो में लगभग 72 हजार क्विंतल लीसा डंप हैं। वहीं टनकपुर डिपो में 8 हजार कुंटल से अधिक लीसा पड़ा हुआ है, जिनकी कीमत 40 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। 40 करोड़ का लीसा डिपो में पड़ा डंपबताया जा रहा है कि हर महीने लीसा की नीलामी की जाती है, लेकिन बीते कई महीने से नीलामी नहीं होने के चलते 40 करोड़ से अधिक लीसा डिपो में डंप हैं। ऐसे में सरकार के राजस्व का नुकसान के साथ-साथ जान माल का भी खतरा बना हुआ है। हल्द्वानी स्थित सुल्तान नगरी डिपो सबसे संवेदनशील डिपो मानी जाती है, जो आबादी वाले इलाकों में स्थापित है। यहां सबसे ज्यादा 37000 क्विंटल लीसा डंप पड़ा हुआ है। साथ ही लीसा की एक चिंगारी बड़ी संख्या में जन हानि कर सकती है। बताया जाता है कि टीन के कनस्तर में रखा गया लीसा बारूद की तरह होता है, जो आग को तेजी से पकड़ता है। डिपो में रखे लीसा को सुरक्षित तरीके से रखा जाता है। लीसा में आग न लगे इसको लेकर वन विभाग कर्मी इसको ठंडा करने के लिए हमेशा पानी डालते रहते हैं। बता दें कि 10 वर्ष पूर्व टनकपुर लीसा डिपो में भीषण आग लगी थी, जिसको बुझाने में 3 दिन का समय लगा था। इसमें करोड़ों का नुकसान होने के साथ एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। लीसा का उपयोग बड़े-बड़े उद्योगों में तारपीन, बिरोजा, वार्निश और कागज उद्योग में प्रयोग करने के लिए किया जाता है। वहीं, पूरे मामले में मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं मंडल विवेक पांडे ने बताया कि डिपो में रखा लीसा सुरक्षित है और वन विभाग द्वारा इस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। आग की घटना से निपटने के लिए सभी उपाय भी किए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि लीसा की नीलामी की प्रक्रिया लगातार की जा रही है। इस समय आचार संहिता लगी हुई है, जिसके चलते नीलामी नहीं हो सकी है. शासन से निर्देश के बाद नीलामी कर दी जाएगी।