November 11, 2024

यूएई और मध्य पूर्व के अन्य देशों में उच्च गुणवŮा के चालकों की मांग पूरा करने का लक्ष्य

 

देहरादून ( आखरीआंख )  भारतीय कार्यबल को अंतर्राष्टŞीय अवसर प्रदान करने के लिये राष्टŞीय कौशल विकास निगम Ľएनएसडीसी˝ ने यूएई और मध्य पूर्व के सबसे बड़े और सफल डŞाइविंग इंस्टिट्यूट एमिरेट्स डŞाइविंग इंस्टिट्यूट Ľईडीआई˝, यूएई और यूथ चैम्बर ऑफ कॉमर्स Ľवाईसीसी˝, यूएई के साथ गठबंधन किया है, ताकि भारत के विभिन्न भागों में डŞाइवर प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किये जा सकें। इस गठबंधन से अभ्यर्थियों को यूएई के सड़क एवं परिवहन अभिकरणों और मध्य पूर्व के अन्य भागों के विनियामक अभिकरणों की आवश्यकता के अनुसार यूएई का डŞाइविंग लाइसेंस मिलेगा। इससे ऐसे हजारों भारतीयों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जो यूएई और मध्य पूर्व के अन्य भागों में काम करना चाहते हैं, लेकिन उन देशों में प्रवेश के समय डŞाइविंग लाइसेंस न होने के कारण अवसर का लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसे लोग अब भारत में डŞाइविंग स्टाइल और सड़क का शिष्टाचार सीखेंगे और यूएई तथा मध्य पूर्व के अन्य भागों में गाड़ी चलाने के लिये तैयार होंगे। इस गठबंधन से यूएई के संभावित कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ेगी, क्योंकि अब यूएई और मध्य पूर्व के अन्य भागों की कंपनियों के पास गंतव्य देश की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का बड़ा समूह होगा। एनएसडीसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनीष कुमार ने कहा, ‘‘ईडीआई-यूएई के साथ मिलकर हम भारत में डŞाइवरों को कुशल बनाएंगे और ऐसे हजारों भारतीयों के लिये रोजगार के अवसर निर्मित करेंगे, जो रोजगार के लिये यूएई और मध्य पूर्व जाना चाहते हैं। इस गठबंधन से संबद्ध साझीदारों के बीच भागीदारी का इको-सिस्टम बनेगा और रोजगार तेजी से मिलेंगे।’’ईडीआई के मुख्य कार्यालय में हुए समारोह के दौरान एमिरेट्स डŞाइविंग इंस्टिट्यूट के चेयरमैन एवं बेलहासा ग्रुप ऑफ कंपनीज के वाइस चेयरमैन अमेर बेलहासा ने कहा, ‘‘एनएसडीसी और वाईसीसी के साथ इस गठबंधन ने हमें भारत के विभिन्न भागों में डŞाइविंग इंस्टीट्यूट स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। एक्सपो 2020 और इस क्षेत्र की अन्य पहलों के दौरान यूएई में डŞाइवरों की भारी मांग का आंकलन करते हुए ईडीआई का लक्ष्य भारतीय युवाओं को खाड़ी में रोजगार प्रदान करना है।’’एनएसडीसी आवश्यक साझीदारों, जैसे राज्य सरकारों, भारतीय प्रशिक्षण भागीदारों और वरिष्ठ कौशल समितियों के साथ मिलकर भारत में डŞाइवर प्रशिक्षण संस्थानों का परिचालन करेगा और निगरानी तथा प्रबंधन का काम भी देखेगा। इसके अलावा, प्रशिक्षण मूलभूत व्यवहार कुशलता, सांस्कृतिक संवेदनशीलता और अभ्यर्थियों को कुशल अंग्रेजीभाषी बनाने पर भी केनि्ćत होगा।