September 8, 2024

डीएम ने वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के दिए निर्देश 

भीमताल/नैनीताल, ( आखरीआंख )  जनपद में सिविल वन एवं वनों के आप-पास संचालित विभिन्न संस्थानों के साथ जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने विकास भवन भीमताल में वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण एंव सुरक्षा के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बैठक ली।
श्री सुमन ने सभी सरकारी, अर्द्ध सरकारी एवं प्राईवेट संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में वातावरण में उच्च तापमान होने पर जंगलों में ज्वलशील पदार्थों एवं आॅक्सीजलन की उपलब्धता तथा वायु में नमी की कमी के कारण वनाग्नि की घटनाएं निन्तर बढ़ रही हैं। श्री सुमन ने वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण हेतु सभी संस्थान एवं अधिकारी आपसी तालमेस से कार्य करें ताकि वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने वन क्षेत्रों के आस-पास संचालित सरकारी, अर्द्ध सरकारी एवं प्राईवेट संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी कार्यालय अपने संस्थान के आपस पास मौजूद सूखी झाड़ियों, पत्तियों एवं पिरूल को तत्काल हटाना सुनिश्चित करें तथा संस्थान के आसपास के 10 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार का ज्वलनशील पर्दाथ एवं उपकरण नहीं रखा जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों को संस्थानों के आस-पास से ज्वलनशील पदार्थों को अग्नि से बचाव हेतु तत्काल सुरक्षित स्थान पर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी संस्थानों को आवश्यक मात्रा में पानी का संग्रहण करते हुए पानी को ढक कर रखने के निर्देश दिए ताकि पानी में मच्छर आदि का लारवा न पनप सके। सभी संस्थाओं को फायर उपकरण की चैकिंग करते हुए पर्याप्त माता में फायर सैफ्टी उपकरण तैयार रखने के साथ ही रेत की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। श्री सुमन ने सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान यदि किसी भी स्थान पर वनाग्नि की घटना पायी जाती है तो इसकी सूचना तत्काल कन्ट्रोल रूम को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वनाग्नि क्षेत्र में यातायात को पूरी तरह नियंत्रित किया ताए ताकि वनाग्नि नियंत्रण सेवा समय से उपलब्ध हो सके। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार, परियोजना निदेशक बालकृष्ण, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, सहायक परियोजना निदेशक संगीता आर्या के अलावा वन, पुलिस विभाग के अधिकारियों सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।