-जल पुरूष राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में माणा से निकली यात्रा पहुंची रुद्रप्रयाग -बांधों के निर्माण पर रोक लगाई जानी जरूरीः राजेंद्र सिंह चैधरी
रुद्रप्रय ( आखरीआंख ) रमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरूष राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में बद्रीनाथ धाम के माणा गांव से निकली गंगा अविरल यात्रा संदेश के रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय पहुंचने पर स्थानीय जनता ने जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कई लोगों को सम्मानित करते हुए वक्ताओं ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य आम जनता को गंगा के प्रति जागरूक करना है। आज के समय में प्रयागों को बचाने की आवश्यकता है। धीरे-धीरे गंगा का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है। हमें अपनी गंगा मां को बचाना होगा। गंगा की पवित्रता बची रहेगी, तभी हम लोग भी जीवित रह सकते हैं।
कहा कि मोदी सरकार को गंगा की अविरलता को सुनिश्चित करना होगा। बांधों के निर्माण पर रोक लगायी जानी जरूरी है। प्रदेश और केन्द्र की सरकार को जल बिरादरी संगठन की बात को सुनना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नर, नारी और नदी के संरक्षण के लिए ठोस प्रयास करने की जरूरत है। यदि हम नदी के संरक्षण के लिए सजग नहीं हुए, तो इसके भविष्य में और भी गंभीर परिणाम सामने आयेंगे। वर्ष 2011 में रमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने उत्तराखंड में बड़े बांधों के निर्माण को पर्यावरणीय व मानवीय दृष्टिकोण से अनुचित बताया। उन्होंने देवभूमि के पंच प्रयागों (संगम स्थल) के संरक्षण के लिए राज्य व केंद्र सरकार से नीति बनाने की मांग की। इस मौके पर उन्होंने लोगों को नदी, पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चैधरी से आग्रह किया कि वे इस विषय पर स्वयं प्रस्ताव बनाकर आगामी विधानसभा सत्र में सरकार को प्रस्तुत करें। विधायक चैधरी ने कहा कि मानवीय व पर्यावरणीय मूल्यों की सुरक्षा के लिए वे हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने मानव जीवन में नदियों के महत्व पर भी चर्चा की। कहा कि गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। केन्द्र सरकार भी गंगा की स्वच्छता के लिए संकल्पित है। इस दिशा में सरकार काम कर रही है। सरकार अब नदियों पर बांध बनाने के वजाय सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में ज्यादा काम कर रही है। गंगा अविरल यात्रा संदेश की प्रदेश संयोजक बीना चैधरी ने कहा कि 21वीं सदी में हमें सोच-समझकर विकास को बढ़ावा देना चाहिए। भौतिक संसाधनों को जुटाने में जिस तरह से जल, जंगल और जमीन को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, वह सुखद नहीं है। नीर (जल), नारी और नदी के संरक्षण के लिए वृहद कार्य करने की जरूरत है। इन तीनों का मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि इन्हें अपने प्रवाह में रहने दें। कहा कि आध्यात्म, पर्यावरण, विज्ञान और विकास में आपसी तालमेल बहुत जरूरी है। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड में बदरीनाथ, केदारनाथ धाम सहित विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग संगम को सुरक्षित व संरक्षित रखने के लिए शासन स्तर पर कानून बनाने पर जोर दिया। इस दौरान विधायक चैधरी ने जल पुरुष का माल्यार्पण व शॉल भेंटकर सम्मान भी किया। इस मौके पर शिक्षा, पत्रकारिता और सामाजिक क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए डॉ हेमा पुष्पवाण, श्याम लाल सुंदरियाल और जगमोहन सिंह झिंक्वाण को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही जल बिरादरी का जिला कार्यकारिणी का गठन करते हुए लक्ष्मी जगवाण को नगरध्यक्ष चुना गया। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता अशोक चैधरी ने किया। इस मौके पर गंगा अविरल यात्रा संदेश की प्रदेश संयोजक बीना चैधरी, जार्ज स्टेनली, सत्याबुल शेट्टी, सुशील बहुगुणा, भोपाल सिंह चैधरी, विनोद कप्रवाण, रमेश पहाड़ी, जसपाल भारती, शांति भट्ट, क्षेत्र पंचायत सदस्य माधुरी नेगी, चंद्रशेखर पुरोहित, मोहन सिंह बिष्ट, मनोज जग्गी आदि मौजूद थे।