जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने किया निर्माणाधीन बस अड्डे के औचक निरीक्षण, दिए आवश्यक दिशा निर्देश
बागेश्वर ( आखरीआंख ) जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने शनिवार को जनपद मुख्यालय के समीप बिलौना में 02 करोड़ 88 लाख 83 हजार से नवनिर्मित बस अड्डे का औचक निरीक्षण किया निरीक्षण के दौरान उन्होने बस अड्डे के कार्यालय कक्ष, चालक कक्ष एवं यात्रियों के ठहरने हेतु बनाये गये कक्षों आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यदायी संस्था उत्तराखण्ड पेयजल निगम रानीखेत के अधिकारी हरीश प्रकाश ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि बस अड्डे का भवन बनकर तैयार है, फील्ड निर्माण का कार्य चल रहा है। पेयजल हेतु बोरिंग का कार्य किया जा रहा है। विद्युत कनैक्शन के लिए आवेदन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि बस अड्डे में यात्रियों के ठहरने के लिये डोरमैट्री भी उपलब्ध रहेगी, भोजन आदि की व्यवस्था के लिये कैन्टीन भी संचालित होगी तथा बस अड्डे में कुछ दुकानें भी संचलित की जायेगी। जिस पर जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था के अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूर्ण करते हुए भवन को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाय। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय, जिसमें किसी प्रकार की लापरवाही न की जाय।
जिलाधिकारी ने सहायक प्रबन्धक अधिकारी गजेन्द्र बिष्ठ एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नवनिर्मित बस अड्डे में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाय कि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और उन्हें दी जाने वाली सार्वजनिक सुविधायें जैसे शौचालय आदि की उन्नत व्यवस्था हो। जिलाधिकारी ने बस अड्डे परिसर में वृक्षारोपण सहित अन्य सौन्दर्यकरण के कार्य को करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि चूॅकि यह बस अड्डा जनपद मुख्यालय के प्रवेश द्वार के समीप है, इसलिए यह आवश्यक है कि यहॉ आम जनता को दी जाने वाले सभी सुविधायें आला दर्जे की हों। जिलाधिकारी ने सहायक परिवहन प्रबन्धक को यह भी निर्देश दिये कि बस अड्डे हेतु पर्याप्त मात्रा में फर्नीचर, पंखे आदि उपकरण यथाशीघ्र स्थापित किये जाय। तथा बस अड्डे की निगरानी हेतु सीसीटीवी कैमरे भी लगाये जाय ताकि सुरक्षात्मक उपाय भी सुनिश्चित हो सके।
निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी एस.एस.एस.पांगती, नायब तहसीलदार भूपाल सिंह मटियानी, राजस्व उपनिरीक्षक दया चन्द्र पन्त, ठेकेदार भूपेन्द्र सिंह सुयाल आदि मौजूद थे।