November 22, 2024

चोराबाड़ी में नहीं बनी है कोई झील, जिलाधिकारी को छायाचित्र भेजकर बताई सच्चाई

रुद्रप्रयाग, (  आखरीआंख )  । दरअसल, चोराबाड़ी ताल को वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा का कारण माना जाता है। इससे लोगों के मन में चोराबाड़ी ताल को लेकर आज भी खौफ बना हुआ है। कुछ दिन पहले सिक्स सिग्मा के एक कर्मचारी ने चोराबाड़ी ताल से अपना एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया। इस वीडीओ को वट्सअप से लेकर हर गु्रप में देखा गया, जिसके बाद मीडिया में चोराबाड़ी ताल में झील बनने की खबरे आने लगी। सिक्स सिग्मा के कर्मचारी केदारनाथ में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे थे, मगर कुछ दिन पहले ही वे भी यहां से चले गये और जाते-जाते केदारनाथ में डर का माहौल भी पैदा कर गये। सिक्स सिग्मा के कर्मचारी ने चोराबाड़ी ताल से नहीं, बल्कि केदारनाथ से कुछ ऊपर ही जाकर अपना वीडियो बनाया। ग्लेशियर के बगल में खड़े होकर कर्मचारी ने उसे चोराबाड़ी ताल बताकर गलत-गलत सूचना दे दी। वीडीओ में कर्मचारी कह रहा है कि यह झील जो आप देख रहे हैं कि ये चोराबाड़ी ताल है। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा का मुख्य कारण चोराबाड़ी ताल है। फिर से चोराबाड़ी ताल में झील बनने लगी है। कर्मचारी ने इस वीडीओ को सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया और कुछ मीडिया कर्मियों ने इस वीडीओ को सच मानकर आग की तरह फैला दिया, जिसके बाद देश-विदेश से यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों के मन में डर पैदा हो गया और यात्रा का आंकड़ा एकदम से घटता गया। कुछ मीडिया कर्मियों की गलती के कारण केदारनाथ यात्रा पर भारी असर देखने को मिला। बिना किसी सच्चाई और पुख्ता सबूत के चोराबाड़ी ताल में झील बनने की खबर को प्रकाशित किया गया। मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया और वाॅडिया इंस्ट्टयूट से चोराबाड़ी ताल की जांच करने को कहा गया, लेकिन इससे पहले प्रशासन की ओर से आपदा प्रबंधन की टीम को वस्तुस्थिति जानने के लिए चोराबाड़ी भेजा गया। केदारनाथ धाम में चोराबाडी ग्लेशियर की झील को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने डीडीआरएफ की एक टीम को चोराबाडी भेजा। डीडीआरएफ टीम ने चोराबाडी ग्लेश्यिर पर पहंुचने पर जिलाधिकारी को अवगत कराया कि ग्लेश्यिर में कोई झील नहीं है और टीम की ओर से ग्लेशियर के छायाचित्र भेजे गये। जिलाधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने ग्लेशियर को झील का नाम देकर अफवाह फैलाने का काम किया है। जिस स्थान पर चोराबाड़ी ताल है, वहां पर कोई झील नहीं बनी है। उन्होंने बताया कि चोराबाडी में कोई झील नहीं है। संभवतः ग्लेश्यिर की तलहटी पर झील हो सकती है, जिसके सर्वे के लिए जल्द ही वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की टीम आ रही है।

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