सहस्रधारा पद यात्रा लौट कर किया बाबा बागनाथ का जलाभिषेक
बागेश्वर ( आखरीआंख ) जिले में आज सावन के पहले सोमवार को पवित्र सरयू के उद्गम स्थल सहस्रधारा से आए पदयात्रियों ने विधिविधान से भगवान शिव का पूजन कर उन्हें सहस्रधारा से लाया पावन जल अर्पित किया। सरमूल से पैदल करीब 80 किमी की यात्रा कर पहुचे श्रद्वालुओं ने सहस्रधारा के पवित्र जल से आज बाबा बागनाथ का जलाभिषेक किया। पौराणिक बागनाथ मंदिर से चली सरमूल की चार दिन की पदयात्रा के श्रद्वालुओं ने सहस्रधारा से जल लाकर बाबा बागनाथ का जलाभिषेक किया। झूनी गांव से चली यात्रा में भारी संख्या में ग्रामीण भी शामिल हुए। सहस्रधारा में मां सरयू की पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने जल लिया और झूनी, बैछम, तप्तकुंड, मुनार, सौंग, भराड़ी होते हुए बागेश्वर में बाबा बागनाथ मंदिर में पहुंचे। श्रद्वालुओं का कहना है कि सहस्रधारा को पवित्र धाम में शामिल करने की मंशा से ही वो इस यात्रा को नर्मदा यात्रा की तर्ज पर कर हर साल ये धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं।
वहीं महंत देवानंद दास का कहना है कि सरयू का उद्गम स्थल सहस्रधारा पौराणिक काल से ही पवित्र है। जबकि सरकारें अपने—अपने धाम बनाने में ही लगी हैं।