November 22, 2024

इस वर्ष 70 हजार 603 बच्चों को खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल

बागेशर ( आखरीआंख )   08अगस्त,2019 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाये जाने सम्बन्धी सभी तैयारियॉ समय से पूर्ण कर ली जाय, यह निर्देश जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने आज जिला कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि सभी सरकारीगैर सरकारी, सहायता प्राप्त, अल्प शिक्षण संस्थान, बालिका निकेतन एंव समाज कल्याण विभाग के संस्थान, आगनबाड़ी केन्द्रों में 01-19 की आयु के बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा ऐलबैन्डाजोल की गोली खिलार्इ जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि गैर पंजीकृत तथा स्कूल न जाने वाले बच्चों को आशा कार्यकत्रियों द्वारा नजदीकी ऑगनबाड़ी केन्द्र पर लेकर जायेंगी तथा ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा यह दवा खिलार्इ जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि 08 अगस्त को कोर्इ बच्चा किसी कारणवश दवा लेने से वंचित रह जाता है तो उसे दवा खिलाने का कार्य आगामी 16 अगस्त 2019 को (मॉप अप दिवस) अनिवार्य रूप से किया जाय।जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाने के लिये यह आवश्यक है कि स्वास्थ शिक्षा एवं बाल विकास, समाज कल्याण, पचायत आदि महत्वपूर्ण विभाग आपस मे समन्वय कर एक समावेशी रणनीति के तहत कार्य करना सुनिश्चित करें जिसके अन्तर्ग्ात व्यापक प्रचार-प्रसार कर यह सुनिश्चित किया जाय कि प्रत्येक अभिभावको को उक्त के संबन्ध में जानकारी पहुंच सके। उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारी डॉ वी0के0 सक्सेना को निर्देशित करते हुए कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाय कि दवार्इ, खिलाने की चम्मच, साफ पीने का पानी, गिलास, आपातकालीन फोन नम्बर, उपस्थित रजिस्टर व अन्य तैयारिया समय से पूर्ण की जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में रैपिड रिसपान्स टीम को अवश्य बताया जाय ताकि तत्काल रूप से समस्या का समाधान सुनिश्चित हो सकें।
बैठक में उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वी0के0सक्सेना ने बताया कि कृमि संक्रमण के कारण बच्चों में खून की कमी, कुपोषण, शारीरिक एवं मानसिक विकास के अवरोध उत्पन्न होता है और उनकी कार्यक्षमता में कमी आती है। कृमि नियंत्रण की दवा खिलाने से खून की कमी में सुधार व पोषण का स्तर बेहतर होता है। कृमि संक्रमण के कारण प्राय: बच्चों में पेट दर्द, उल्टी, दस्त तथा वजन कम होने के लक्षण भी दिखार्इ देते हैं। उन्होंने बताया कि ऐलबैन्डाजोल कृमि नियंत्रण हेतु बच्चों और वयस्क दोनों के लिए एक सुरक्षित दवा है इसका उपयोग दुनिया भर में करोड़ो लोगों द्वारा कृमि संक्रमण का इलाज करने के लिये किया जाता है। इस वर्ष जनपद के 70 हजार 603 बच्चों को एलबैन्डाजोल दवार्इ खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।बैठक में अपर जिलाधिकारी राहुल कुमार गोयल, प्रशिक्षु आर्इएएस अशुल सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए अमर सिंह गुन्जयांल, शिक्षा अधिकारी बेसिक पदमेन्द्र सकलानी, माध्यमिक नरेश शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी एन0एस0गस्याल, अपर निदेशक डीआरडीए शिल्पी पंत, डॉ एन0एस0टोलिया, प्रवक्ता दीप जोशी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास राजेन्द्र प्रसाद विष्ट सहित संबन्धित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

 

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