विज्ञापन आवंटन में बरती जा रही भेदभावपूर्ण नीति के विरोध में किया धरना-प्रदर्शन
देहरादून, ( आखरीआंख ) आजखबर। प्रदेश के छोटे एवं मझोले समाचार पत्रों के साथ विज्ञापन आवंटन में बरती जा रही भेदभावपूर्ण नीति के विरोध में पत्रकारों ने गुरुवार को संयुक्त संघर्ष समिति के बैनरतले सूचना निदेशालय में धरना-प्रदर्शन किया। पत्रकारों का कहना था कि सूचना विभाग द्वारा छोटे एवं मझोले समाचार पत्रों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जो कि ठीक नहीं है। अमर शहीद श्रीेदेव सुमनन की पुण्यतिथि पर हर वर्ष विज्ञापन जारी होता आया है लेकिन इस बार यह विज्ञापन छोटे एवं मझोले समाचार पत्रों को नहीं दिया गया। पत्रकारों ने चेतावनी दी कि यदि श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर आधारित विज्ञापन शीघ्र जारी न किया गया तो 26 जुलाई को सूचना निदेशालय में तालाबंदी की जाएगी।
विभिन्न पत्रकार संगठनों से जुड़े पत्रकार गुरुवार को संयुक्त संघर्ष समिति के बैनरतले रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय में एकत्रित हुए और सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया। यह सांकेतिक धरना-प्रदर्शन करीब तीन घंटे चला। इस दौरान महानिदेशक सूचना डा. मेहरबान सिंह बिष्ट की अनुपस्थिति में अपर निदेशक डा. अनिल चंदोला को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में पत्रकारों ने चेतावनी दी कि यदि श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर आधारित विज्ञापन शीघ्र जारी न किया गया तो 26 जुलाई को सूचना निदेशालय में तालाबंदी की जाएगी। पत्रकारों का कहना था कि प्रदेश से प्रकाशित हो रहे समाचारपत्र-पत्रिकाओं की सूचना विभाग के वर्तमान महानिदेशक डा. मेहरबान सिंह बिष्ट के कार्यकाल में निरंतर उपेक्षा हो रही है। पहले हरेला पर्व का विज्ञापन रोका गया और अब श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर आधारित विज्ञापन केवल गिने चुने आधा दर्जन समाचारपत्रों को जारी किया गया। पत्रकारों का कहना था कि सूचना विभाग की मनमानी नहीं चलेगी। धरना स्थल पर आयोजित सभा को नरेश मनोचा, दिनेश शक्ति त्रिखा, अनिल वर्मा, सुरेन्द्र अग्रवाल, शिवप्रसाद सेमवाल, चन्द्र शेखर जोशी, विकास गर्ग, संजीव पंत, आलोक शर्मा, जीतमणि पैन्यूली, वीरेंद्र दत्त गैरोला, अमित सिंह नेगी, केशव कुमार पचैरी, सोमपाल सिंह आदि ने संबोधित किया। धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम की अध्यक्षता नरेश मनोचा ने की व संचालन विकास गर्ग ने किया। पत्रकारों का कहना था कि श्रीदेव सुमन से सम्बंधित विज्ञापन तत्काल जारी किया जाए, क्योंकि यह मात्र विज्ञापन का मामला नहीं है वरन पत्रकारों के आत्मसम्मान से जुड़ा मामला है। अगर इस न्यायोचित मांग को न माना गया, महानिदेशक द्वारा हठधर्मिता दिखाई गई तो उग्र आंदोलन होगा जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे। विज्ञापन जारी न किए जाने पर 26 जुलाई को सूचना निदेशालय में तालाबंदी की जाएगी। पहुचेंगे। धरना-प्रदर्शन में बिजेन्द्र कुमार यादव, एन.के. गुप्ता, वीरेंद्र दत्त गैरोला, नरेश बलोनी, लल्लि ढौंडियाल, सर्वेश्वर प्रसाद लखेड़ा, मामचन्द शाह, नीलेश कुमार, अनिल मनोचा, रचना गर्ग, दीपक शाह, प्रकाश कुलाश्री, आशीष नेगी, अनुराग गुप्ता, चन्दन एस कैन्तुरा, अनूप ढौंडियाल, अरुण नेगी, अवधेश नौटियाल, विनय कुमार आदि पत्रकार शामिल हुए।