देवाल क्षेत्र के दो पर्यावरण प्रेमी एव एक वन दरोगा हुए सम्मानित
चमोली। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय उत्तराखंड के वन विभाग द्वारा स्वतंत्रता दिवस की वेला पर वन मुख्यालय राजपुर रोड देहरादून में भव्य कार्यक्रम का आयोजन प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड जयराज जी के नेतृत्व में किया गया जिसमें समाज में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वालो को सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह में देवाल विकासखंड के पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे पर्यावरण प्रेमी बलवंत सिंह बिष्ट व पर्यावरणविद वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी एवं अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग रेंज थराली वन दरोगा श्री धन सिंह बिष्ट शॉल भेंटकर प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया हैं।
पर्यावरण प्रेमी बलवंत सिंह बिष्ट ने सभा को संबोधित करते हुए कहाकि प्रकृति में जितने भी संसाधन हैं वे प्राणी जगत के लिए है लेकिन मनुष्य के भोगवादी प्रवृति के कारण उनका दोहन हो रहा हैं उन्हें बचाना सब का कर्तव्य हैं जिस तरह से बतलते मौसम के दशाओं से जन धन की हानि हो रही हैं इसे रोका न गया तो आनेवाला समय में बहुत ही बिकट स्थिति होगी। उनके द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम करने की अपील करते हुए वन विभाग से संरक्षण व संवर्धन की जवाबदेही पर विचारों पर मंथन कर आग्रह किया गया कि जिन पेड पौधों का रोपण हमारे या वन विभाग के सौजन्य से विभिन्न योजनाओं के द्वारा लगाए जा रहे हैं उनके संरक्षण संवर्धन की जवाबदारी के जिस क्षेत्र में पौधों का रोपण किया जाता है उसी क्षेत्र के आम जनमानस एवं वन कर्मचारी या सरपंचों के माध्यम से उनकी देखरेख की पूर्ण जवाबदे विभाग के सौजन्य से दिई जानी चाहिए ताकि उत्तराखंड का वन भौगोलिक क्षेत्र सुंदर और सुरक्षित रह सकें उन्हें महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपील कि बच्चों के जन्म के समय मुंडन कार्य शुभ विवाह मुहूर्त ग्रह प्रवेश पित्र कार्य आदि देववृक्ष रोपण करने की अपील कि योजनाओं गंगा वृक्षारोपण हरेला पर्यावरण दिवस गणतंत्र दिवस 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस आदि पावन पर्व पर बुरास बाँज रीठा तेजपत्ता आदि औषधि प्रजाति पेड़ पौधौ का अधिक से अधिक वृक्षोरोपणं करने के लिए अपील कर योगदान बात कही ।
पर्यावरणविद वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने जन जन से पौधारोपण कर पर्यावरणीय संतुलन बनाने की अपील की उन्होंने कहाकि हमें जीवन प्रकृति ने दिया हैं और धरा के प्राणिजगत के संरक्षण करने के उद्देश्य से हमारा जन्म हुआ हैं लेकिन मनुष्य अपनी चकाचौंध के कारण प्रकृति द्वारा दिए वादों को भूल गया हैं और अंधाधुंध दोहन कर रहा है जिसके कारण मई के माह मेंभी बादक फटने जैसी घटनाए हो रही हैं जिससे काफी जनधन की हानि हो रही हैं समय रहते हमें इन भौगोलिक कारकों को रोकना होगा तभी पहाड़ का जन, पशु पक्षी व प्राणी जगत सुरक्षित रह सकेगा।
प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से जनता के साथ सीधा सम्बन्ध बनाने की बात कही कहा ताकि प्राकृतिक संसाधनों को बचाया जा सके और पुरस्कृत लोगों से उम्मीद की कि वन विभाग के साथ मिलकर और अच्छा कार्य हो ऐसी मेरी उम्मीदे हैं।