November 22, 2024

आंध्र प्रदेश में राजधानी ही राजधानी

आखरीआंख

लगता है आंध्र प्रदेश के मुयमंत्री जगनमोहन रेड्डी भारतीय राजनीति में नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए ही आए हैं। पहले उन्होंने पांच उप मुयमंत्री बना डाले और अब अपने राय में चार नई राजधानियां बनाना चाहते हैं। सोमवार को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें अपनी इस अद्भुत योजना की जानकारी दी। वह अमरावती को केवल प्रशासनिक राजधानी बनाना चाहते हैं और विजयनगरम, काकीनाडा, गुंटूर और कड़पा को भी राजधानी का दर्जा देना चाहते हैं। लेकिन बाकी राजधानियां कैसी होंगी, अभी से इस बारे में कहना मुश्किल है। उनकी पार्टी के नेता अमरावती से परेशान हैं, क्योंकि वहां बाढ़ आ जाती है और निर्माण की लागत यादा पड़ती है।

विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी और जनसेना सहित कई राजनीतिक दलों ने राजधानी को अमरावती से स्थानांतरित करने की सरकार की योजना का विरोध किया है। वैसे एक से यादा राजधानी की अवधारणा कोई नई नहीं है। ब्रिटिश शासन में शिमला को भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया था। हाल के संसदीय फैसले से पहले जमू-कश्मीर राय में भी श्रीनगर और जमू, दोनों शहरों का उपयोग राजधानी के तौर पर होता था। महाराष्ट्र में नागपुर को उप राजधानी का दर्जा प्राप्त है। अविभाजित बिहार में पटना के अलावा रांची को भी यह हैसियत मिली हुई थी। लेकिन जगन तो एक प्रशासनिक राजधानी के अलावा चार और राजधानियां चाहते हैं।

अभी तक गर्मी और ठंड में राजधानी बदलने का चलन रहा है। लेकिन जगन शायद जाड़ा, गर्मी, बरसात और वसंत, चारों मौसमों के हिसाब से राजधानी बनाना चाहते हैं। बारिश में बाढ़ की आशंका से बचने के लिए सारे नेता और अफसर वहां चले जाएंगे जहां वर्षा कम होती हो। गर्मी बढ़ते ही ठंडे इलाके में, जाड़ा पड़ते ही गर्म इलाके में और वसंत आने पर किसी सुरय स्थल पर डेरा डाल देंगे। यानी राय सरकार का स्वरूप भ्रमणशील होगा- हर समय घूमती रहने वाली। इससे प्रशासनिक अमले का मन लगा रहेगा। नेता-अफसर काम से बोर नहीं होंगे। वैसे राजधानियां कुल मिलाकर पांच होने वाली हैं तो अपने पांचों डेप्युटी सीएम को वह एक-एक राजधानी सौंप सकते हैं। इसमें खतरा एक ही है कि आंध्र प्रदेश के बाकी शहरों के लोग कहीं नाराज न हो जाएं। हो सकता है उन्हें भी राजधानी का दर्जा देने की मांग उठने लगे।

जगन का तो विश्वास ही हर किसी को साथ लेकर चलने में है। विभिन्न समुदायों को संतुष्ट करने के लिए उन्होंने पांच उप मुयमंत्री बना डाले तो क्या अलग-अलग शहरों की मांग को वे अनसुनी कर देंगे? मुमिकन है, कुछ दिनों बाद आंध्र के सभी शहरों को राजधानी का दर्जा मिल जाए। इससे हर दिन या एक ही दिन में कई बार राजधानी बदलने की संभावना भी बन सकती है। जगन चुनाव में प्रचंड बहुमत लाकर सीएम बने हैं। उन्हें कौन समझा सकता है कि राय का विकास पॉप्युलिस्ट टोटकों से नहीं, कर्मठ, जिमेदार और संवेदनशील प्रशासन खड़ा करने से होता है!