November 22, 2024

पीठासीन अधिकारी की लापरवाही ने बदल दिए परिणाम, पंचायत चुनाव की मतगणना ने प्रशिक्षण के औचित्य पर उठाए सवाल

पिथौरागढ़ ।  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए भले ही लाखों खर्च कर मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन मतगणना से पूर्व की प्रक्रिया में लापरवाही प्रत्याशियों के भविष्य पर भारी पड़ी है । मतगणना कर्मियों की लापरवाही से रद्द हुए मतों ने कई गांवों में जनादेश को बदल दिया। प्रशिक्षण प्राप्त मतदान कर्मियों की लापरवाही से कई जगह प्रत्याशियों की निश्चित जीत हार में बदल गई। इन परिणामों ने निर्वाचन विभाग को सोचने पर मजबूर कर दिया है। निर्वाचन विभाग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के दावे कर रहा है। मतगणना के बाद सामने आए परिणामों ने इस दावे की हवा निकाल दी है। जिले में कई प्रत्याशियों की जीत मतदान कर्मियों की लापरवाही से हार में बदल गई। जिससे परिणाम भी पूरी तरह बदल गए। कनालीछीना विकासखंड की पाली ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान के 66, बीडीसी के 71मत इसलिए रद्द करने पड़े कि मतपत्रों में पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे। यहां प्रधान पद के लिए जीत-हार का अंतर महज 10वोटों का रहा। बीडीसी पत्याशी को भी 56मतों से हार का मुंह देखना पड़ा। इसी विकासखंड के तीतरी में 74, गुडौली में 18मतों के रद्द होने से बीडीसी का परिणाम पूरी तरह से बदल गया। यहां भी पीठासीन अधिकारी ने मतपत्रों में हस्ताक्षर किए ही नहीं। बेरीनाग विकासखंड के जाख रावत पीठासीन अधिकारी की लापरवाही से 47मत रद्द हुए हैं। मतदाताओं ने तो जागरूकता दिखाते हुए अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। लेकिन पीठासीन अधिकारी की लापरवाही से जनादेश को पूरी तरह बदल दिया। इन सभी मामलों से पता चलता है कि निर्वाचन विभाग के लाखों खर्च कर प्रशिक्षण देने के बाद भी मतदान कर्मियों ने प्रशिक्षण को गंभीरता से लिया ही नहीं। जिसका परिणाम प्रत्याशियों को भुगतना पड़ा।