जौनसार बावर क्षेत्र में बूढ़ी दिवाली का जश्न शूरू
विकासनगर। दिवाली के पहले दिन होलडे जलाकर मनाया जश्न पांच दिन तक चलेगी बूढ़ी दिवाली चकराता। कालसी। हिटी जौनसार-बावर में मंगलवार को होलियात के साथ बूढ़ी दिवाली शुरू हो गई है। पांच दिवसीय पर्व का पहला दिन होलियात के रूप में मनाया गया। ग्रामीणों ने पंचायती आंगन में मशालें जलाकर पर्व की खुशीयां बांटी। करीब एक माह से दिवाली का इंतजार कर रहे क्षेत्रवासियों का इंतजार मंगलवार को समाप्त हुआ। सुबह से ही ग्रामीणों में पर्व को लेकर उल्लास देखने को मिला। ग्रामीणों ने दिनभर मेहमानों की आव भगत के बाद शाम को पंचायती आंगनों में एकत्र होकर पटाखों की बजाय लकड़ी से बनी मशालें (होलड़े) जलाकर इको फ्रेंडली पर्व का संदेश दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से लोकगीतों पर नृत्य भी किया। चारे गाणे महासू, चारीओ भाई, आटेरी दुर्गा माई, कोदी जांदी भाभी मेरी मैते तू, ऐ जमाना कोड़ी जुग्गो का, आमे लासी नोसी बीबी बानारो मुल्का, ढाकिया ढाक बाजलू बाणू, मुखे आया मिलदी तयूनी रे आदि गीतों पर देर रात तक महिला पुरुष झूमते गाते पर्व की खुशीयां बांटते रहे। इसी के साथ क्षेत्र में पांच दिवसीय पहाड़ी दीपावली का आगाज भी हो गया। अगले पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व में बुधवार को बिरुड़ी मनाई जाएगी। उधर, पर्व को लेकर गांवों के साथ स्थानीय बाजार भी गुलजार रहे। चकराता सहित क्षेत्र के प्रमुख बाजार साहिया, कालसी में पर्व को लेकर लोगों की भीड़ उमड़ी रही। ग्रामीणों ने पर्व से सबंधित खरीददारी के लिए देर रात तक बाजारों में डेरा डाले रखा। बाजारों में प्रमुख रूप से चिवड़ा, मुरमुरे सहित पूजा का सामान व दीपावली के लिए इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के साथ नए कपड़े व जूते की खरीदारी करने को लोगों में होड़ दिखाई दी। क्षेत्रीय ग्रामीण वीरेंद्र जोशी, राजेन्द्र जोशी, अजबीर सिंह, अरविंद आदि ने बताया कि मंगलवार सुबह देव पूजा के साथ पांच दिवसीय दीवाली का आगाज हो गया है। दूसरा दिन बिरूड़ी के रूप में मनाया जाएगा।