मुनस्यारी महोत्सव में लोकगायकों ने जमाया रंग
पिथौरागढ़। मुनस्यारी महोत्सव की पहली शाम लोक कलाकारों के नाम रही। स्थानीय और बाहरी लोक कलाकारों ने अपने गीतों से सीमांत के लोगों को लोक संस्कृति की झलक दिखाई। देर रात तक कुमाउनी और स्थानीय गीतों की धुन पर दर्शक जमकर थिरके। विभिन्न स्कूलों के बचों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। जिनका आनंद लेने दर्शकों की भीड़ जुटी रही। मुनस्यारी महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने किया। स्थानीय लोगों ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया। उन्होंने कुमाउनी लोकगीतों का जमकर आनंद उठाया। वे कुमाउनी लोक संस्कृति से अभिभूत नजर आए। इस मौके पर उनके साथ धारचूला के सीओ विमल आचार्य भी शामिल रहे। महोत्सव की पहली शाम लोक गायक पुष्कर महर, जितेंद्र तुमकियाल के नाम रही। पुष्कर महर एंड पार्टी ने कृष्ण लीला का सुंदर मंचन किया। इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। जितेंद्र तुमकियाल ने साली मेरी हिमुली माया ना मार, यो काली ताल यो गोरी ताल सहित कई गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी। इन गीतों की धुन पर दर्शक जमकर थिरके। इसके अलावा विवेकानंद इंटर कॉलेज, जीआईसी नमजला, जीआईसी मदकोट सहित विभिन्न स्कूली बचों ने भी पारंपरिक परिधानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। दर्शकों ने तालियों के साथ बचों का उत्साह बढ़ाया। देर रात तक कार्यक्रमों का दौर चलता रहा। जिसे देखने ठंड के बाद भी दर्शकों की भीड़ जुटी रही।