December 23, 2024

शहीद दिवस पर जिलाधिकारी ने वीर शहीद सैनिकों की वीर नारियों को किया सम्मानित

 

बागेश्वर । विजय दिवस के अवसर पर सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय बागेश्वर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 1971 के युद्ध में जनपद के 24 शहीद हुए सैनिकों को जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने श्रृद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि 03 दिसम्बर से लेकर 16 दिसम्बर 1971 के बीच भारत-पाक युद्ध लड़ा गया। 16 दिसम्बर 1971 को भारतीय सैनिकों ने अपने आदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना के छक्के छुडाकर विजय प्राप्त की। भारत ने अपने रण कौशल एवं वीर सैनिकों की बहादुरी के बदौलत इस युद्ध को 14 दिनों में समाप्त कर दिया। भारतीय सेना ने आदम्य साहस, उत्तम रण कौशल और उच्च तकनीकी से इस युद्ध को जीत कर 90 हजार पाकिस्तानी सैनिको को बन्दी बना लिया और शिमला समझौते के तहत ही इन युद्धबन्दियों को बाद मे रिहा किया गया ये भारतीय सैनिको की ऐतिहासिक जीत सिद्ध हुर्इ। इस युद्ध में हमारे बहुत से सैनिको ने अपना सर्वोच्च बलिदान देश के लिए समर्पित किया आज समूचा राष्ट्र इन बहादुर सैनिको को श्रद्धासुंमन अर्पित करता है। उन्होंने कहा कि तब से इस दिन को प्रतिवर्ष पूरे देश में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने विजय दिवस पर कलावती देवी पत्नी भैरव दत्त, चनुली देवी पत्नी भीम सिंह, दम्यन्ति देवी पत्नी उमेश सिंह, पानुली देवी पत्नी खड़क सिंह, बिमला जोशी पत्नी के0आर0जोशी, पदमा देवी पत्नी मोहन राम वीर शहीद सैनिकों की वीर नारियों को शाल ओढाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि विजय दिवस भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम का प्रतीक है देश की एकता और अखण्डता की रक्षा के लिए समर्पित सेना के हर जवान और शहीद पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को गर्व है। देश की रक्षा के लिए हमारे वीर सैनिक हमेशा तत्परता के साथ अपना योगदान देते है। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा दिये गये सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद किया जायेगा तथा हम सभी लोगों को आने वाली पीढी को भी देश का महत्व बताते हुए इस बलिदान के लिए बच्चों को सीख देनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि शहीद सैनिकों के परिजनों एवं भूतपूर्व सैनिकों को दी जाने वाली सुविधा के लिए विकास खण्ड कपकोट में सैनिक कैंटीन का निर्माण किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, तथा अवशेष कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को दिये। उन्होंने कहा कि सैनिक कैंटीन का शुभारम्भ जल्द से जल्द किया जायेगा ताकि दूरदराज क्षेत्रों के सैनिक परिजनों को बागेश्वर न आकर कपकोट में ही इसका लाभ ले पायेंगे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने भूतपूर्व सैनिक इन्द्र सिंह, चामू सिंह एवं पूरन काण्डपाल को भी सम्मानित किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आज हमें उन शहीद सैनिकों को याद करने का दिन है जिन्होंने अपने प्राणों की बाजी लगाकर अदम्य साहस का परिचय देकर देश की रक्षा की। इस अवसर पर शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया। जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी ले0 कर्नल गंगा सिंह बिष्ट ने 1971 भारत-पाक युद्ध के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 14 दिन तक चले इस युद्ध के बाद 16 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तान सेना के 90 हजार जवानों को समर्पण के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने बताया कि इस युद्ध में जनपद के 24 जवान शहीद हुए। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर उपस्थित बीर नारियों से उनकी कुशलक्षेम के साथ-साथ उनकी समस्यायें भी सुनी कहा कि कोर्इ भी समस्या है तो वे निशंकोच अवगत करायें ताकि उनका समाधान किया जा सके।
इस अवसर पर सहायक जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी आर0सी0तिवारी, जिला सूचना अधिकारी रती लाल शाह, तहसीलदार नवाजिश खलीक, सैनिक लीग के अध्यक्ष बागेश्वर श्री हरडिया, कपकोट गोपाल दत्त जोशी, गरूड़ सुबेदार आले, तीनों ब्लॉकों के प्रतिनिधि, भूतपूर्ण सैनिक आदि मौजूद थे।