December 23, 2024

भगरतोला एएनएम सेंटर में शिशु की मौत पर एएनएम की लापरवाही आई सामने , डॉक्टर व नर्स पर भी डीएम खफा

बागेश्वर । जिलाधिकारी  रंजना राजगुरू द्वारा एएनएम सेंटर भगरतोला एवं लमचूला में हुर्इ नवजात शिशु की मृत्यु के संबंध में उपजिलाधिकारी गरूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था, जिसमें अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी सदस्य के रूप में नामित थें। जिलाधिकारी द्वारा समिति को यह निर्देश दिये गये थें कि समिति उक्त प्रकरण की गंभीरता से जांच करते हुए विस्तृत आंख्या प्रस्तुत करें। समिति द्वारा प्रकरण 01 में दी गयी जांच आंख्या के अनुरूप एएनएम सेंटर भगरतोला में हुर्इ नवजात शिशु की मृत्यु के प्रकरण के संबंध में जिलाधिकारी ने यह पाया कि एएनएम सेंटर भगरतोला में हुर्इ नवजात शिशु की मृत्यु कें प्रकरण में एएनएम की लापरवाही प्रतीत होती हैं, चूकि गर्भतवती महिला की बारे में जानकारी रखना एएनएम की मुख्य जिम्मेदारी है जो एएनएम द्वारा नही निभायी गयी एएनएम द्वारा गर्भतवी महिलओं की एलएमपी का दिनांक गलत अंकित किया गया है वहीं गर्भवती महिलाआ को आर्इएफए दिये जाने का अभिलेख में कोर्इ अंकन नही किया गया हैं, साथ ही एएनएम द्वारा अंकित की गयी डिस्चार्ज की तिथि भी स्वास्थ केन्द्र के अभिलेखों से मिलान नही करती। चूंकि नवजात शिशु हार्इ रिस्क पर था ऐसे में एएनएम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी, कि वह उक्त प्रकरण पर विशेष ध्यान देते हुए जच्चा-बच्चा के स्वास्थ संबंधी सभी पहलुओं को ध्यान मे ंरखते हुए उनका स्पष्ट अभिलेखीकरण करते हुए प्रकण पर गंभीरता को देखते हुए इस पर अतिरिक्त ध्यान देती जैसा कि पूर्व में भी निर्देशित किया जा चुका हैं, किंतु एएनएम द्वारा प्रकरण को गभीरता से न लेते हुए घोर लापरवाही की गयी। अत: उक्त प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए कर्मचारी आचरण नियमावली प्रावधानों के तहत एएनएम के कृत्यों की परिनिंदा की जाती हैं तथा भविष्य के लिए सीएमओ को निर्देशित किया जाता हैं कि वे फील्ड स्टॉफ को इस संबंध में कठोर दिशा निर्देश जारी करते हुए उक्त का परिपालन करना सुनिश्चित करें। समिति द्वारा प्रकरण 02 में दी गयी जांच आंख्या के अनुरूप जिलाधिकारी द्वारा यह पाया गया कि एएनएम लमचूला मे ंहुर्इ नवजात शिशु की मृत्यु के प्रकरण में एएनएम या डॉक्टर की कोर्इ गलती परिलक्षित नहीं होती हैं किंतु एएनएम ने घबराहट में गलत तथ्य बैठक में प्रस्तुत किये गये इसके सीएमओं को निर्देशित किया जाता है कि वे एएनएम को चेतावनी जारी करते हुए यह निर्देशित करें कि भविष्य में वे पूरी तैयारी के साथ बैठक में आयें तथा किसी प्रकार का कोर्इ गलत तथ्य या गलत उत्तर समिति के समक्ष प्रस्तुत न करें। चूकिं एएनएम एक जिम्मेदार पद है और संबंधित क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ की जिम्मेदारी उन पर हैं। प्ररकण में यह तथ्य भी सामने आया है कि बच्चे के अभिभावक बच्चें को हॉयर सेंटर नही ले गयें इसमें स्वास्थ विभाग की यह जिम्मेदारी होनी चाहिए थी कि वे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अभिभावक को स्वास्थ एवं महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ संबंधी योजनाओं के बारे में अवगत कराते हुए उन्हें हॉयर सेंटर ले जाना सुनिश्चित करते इसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास को यह निर्देशित किया जाता है कि वे भविष्य में अपने फील्ड स्टॉफ को निर्देशित करें ताकि भविष्य मे ंइस प्रकार के प्रकरणों की पुनरावृत्ति न हों। जिलाधिकारी ने उक्त प्रकरण में जिला अस्पताल की भूमिका के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया कि वे उस दिन तैनात डॉक्टर एवं नर्स आदि की उपस्थिति एवं उनके द्वारा नवजात बच्चों के परीक्षण आदि के संबंध में तत्काल रूप से अभिलेख प्रस्तुत करें।