नैनीताल में तिब्बतियों ने की संघर्ष दिवस पर प्रार्थना सभा
नैनीताल। नैनीताल में तिब्बतियों ने गुरुवार को संघर्ष दिवस पर प्रार्थना सभा आयोजित की। इस दौरान तिब्बत में मानव अधिकारों के समान की मांग की गई। साथ ही संयुक्त राष्ट्र से यह गुहार लगाई गई कि दलाईलामा के प्रतिनिधियों के संबंध में चीन से बात की जाए। इस बीच महिलाओं ने शहर में जुलूस निकाल कर पर्चे बांटे। 61वें तिब्बती महिला दिवस पर गुरुवार को मल्लीताल स्थित तिब्बती मार्केट के समीप कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान मंत्रोचार के साथ विश्व शांति की प्रार्थना की गई। इसके बाद चीन में कैद तिब्बती प्रतिनिधियों की सलामती को प्रार्थना की गई। तिब्बती महिला संगठन की अध्यक्ष लहकी वांग्मो और महासचिव लापसांग छोडन ने कहा कि 12 मार्च 1959 को तिब्बत के इतिहास में पहली बार तिब्बती महिलाओं ने तिब्बत पर चीन के आधित्य के खिलाफ आवाज उठाई। ग्यारवहें पंचेन लामा ग्यादेन छयोकि नीयमा पिछले 24 वर्षों से चीनी कैद में हैं। कहा 1995 से अबतक तिब्बती महिला संगठन चीन सरकार से अगवा किए पंचेन लामा की रिहाई की मांग कर रही हैं। संगठन ने राष्ट्रीय स्तर पर लामा के 31वें जन्मदिन पर आगामी 25 अप्रैल को एक शांति मार्च निकालने का निर्णय लिया। इस मौके पर तिब्बती युवा कांग्रेस के अध्यक्ष तेनजिंग छोकपेल, डोलमा, लाहडेन, नोपसोम, तेनजिंग जिग्मे, सांग्मो, दावा आदि शामिल रहे।
तिब्बती महिलाओं की मांगें
– संयुक्त राष्ट्र एवं विश्व नेतृत्व की ओर से चीन से वार्ता कर दलाईलामा के संदेश वाहकों को समानित किया जाए।
-चीन-तिब्बती वार्ता को मध्यवर्गीय सिद्धांत के आधार पर पुन: शुरू किया जाए। जिससे लंबित मसले का समाधान हो।
-तिब्बत में मानवाधिकारों को बंद कर प्रेस को आजाद किया जाए।
-संयुक्त राष्ट्र की ओर से चीन पर दबाव बनाया जाए कि जबरन अगवा 11वें पंचेन लामा को शीघ्र मुक्त किया जाए।
-तिब्बत में धार्मिक स्वतंत्रता पर लगाए गए प्रतिबंधों का संज्ञान लिया जाए। जिससे तिब्बतियों की धार्मिक स्वतंत्रता बहाल हो सके।