बागेश्वर में सेही के शिकारी का शव निकाला
बागेश्वर। तहसील क्षेत्र के रिखाड़ी गांव के दानूथल के पास जंगली जानवर (सेही) का शिकार करने के लिए गुफा में फंसे जीवन की जीवन की डोर आखिरकार टूट गई। 54 घंटे की मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम ने शनिवार को उसे बाहर निकाला। बाहर निकालने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए उसे जिला मुयालय भेजा। देर शाम शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया है। मालूम हो कि तहसील के रिखाड़ी गांव के दानूथल में दानूथल निवासी 40 वर्षीय जीवन राम पुत्र दुर्गा राम, सानिउडियार निवासी 32 वर्षीय हरीश राम पुत्र बसंत राम तथा 45 वर्षीय रमेश राम और प्रताप राम बुधवार की रात दानूथल के जंगल में गए थे। इस दौरान उन्होंने जंगली जानवर सेही को मारने के लिए एक गुफा में धुआं लगाया और घर को आ गए। गुरुवार की सुबह तीनों ग्रामीणों के अलावा दो अन्य लोग भी उनके साथ जंगल की ओर चले गए। सेही को ढूंढने के लिए आठ बजे करीब तीनों गुफा में घुस गए। इस दौरान मिट्टी का टीला ढह गया और तीनों अंदर ही फंस गए। दो लोगों को प्रकाश राम, पवन तथा अन्य लोगों ने सुरक्षित बाहर निकाला, जबकि जीवन राम अभी भी अंदर फंस गया। उसे निकालने के लिए पुलिस और एसडीआएफ की टीम ने गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार अपराह्न तक रेस्क्यू अभियान चलाया। इस दौरान दो जेसीबी और एक पौकलैंड मशीन से खुदाई की गई। करीब 54 घंटे की भारी मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला जा सका।
तहसीलदार मेहपाल सिंह ने बताया कि शनिवार अपराह्न सवा दो बजे गुफा में फंसे जीवन राम को निकाला गया। घटनास्थल पर मौजूद डॉक्टरों ने उसके स्वास्थ्य की जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पंचनामा भरवाया और पोस्टमार्टम के लिए उसे जिला मुयालय भेजा। देर शाम पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। इस दौरान एसओ प्रह्लाद सिंह के अलावा एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद रही। मौत की सूचना के बाद गांव में कोहराम मच गया। तीन दिन से बेटे की जीवित निकलने की उमीद में नजरे लगाए माता-पिता बेहोश हैं। पत्नी और बचों का रोरोकर बुरा हाल है।
माता-पिता- पत्नी और बचों को छोड़ गया रोता बिलखता
कांडा। मृतक जीवन मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार को भरण-पोषण करता था। वह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और तीन बचों को रोता- बिलखता छोड़ गया है।