November 21, 2024

300 साल में पहली बार चैती मेले में बिन डोले के मंदिर पहुंची मां की मूर्ति

 

काशीपुर। कोरोना के चलते मां बाल सुंदरी इतिहास में पहली बार बिना डोले के पुलिस सुरक्षा में कार से चैती स्थित मंदिर पहुंचीं। वहीं, मंदिर के गर्भ गृह में मां की मूर्ति विधि विधान के साथ स्थापित कर दी गई, लेकिन श्रद्धालुओं के लिये मंदिर के कपाट नहीं खोले गये। इसके चलते मंदिर पहुंचे कुछ श्रद्धालु बाहर से ही मत्था टेक कर वापस चले गये। चैत्र नवरात्र पर काशीपुर में ऐतिहासिक चैती मेला लगता है। सप्तमी की देर रात मां बाल सुंदरी का डोला मोहल्ला पक्काकोट स्थित मंदिर से पूजा अर्चना के बाद चैती परिसर स्थित मंदिर में आता है। डोले के साथ हजारों श्रद्धालु चलते हैं। चैती मंदिर पहुंचने पर दूर-दराज से लोग मां बाल सुंदरी के दर्शन कर पूजा अर्चना करते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने चैती मेले पर रोक लगा दी थी। मंदिरों में भी पांच से अधिक लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं, प्रशासन ने इस बार मां का डोला ले जाने की भी अनुमति नहीं दी। इस पर पंडा परिवार ने सैकड़ों साल से चली आ रही परंपरा निभाते हुए मोहल्ला पक्काकोट स्थित मंदिर में पूजा अर्चना कर सांकेतिक रूप से नारियल और जायफल की बलि दी। तड़के तीन बजे मां बाल सुंदरी की मूर्ति पुलिस सुरक्षा में कार से चैती स्थित मंदिर में लाई गई। चैती मंदिर में पंडा परिवार ने पूजा अर्चना के बाद मूर्ति स्थापित की। मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिये बंद कर दिये गये।

तीन सौ साल से अधिक समय से मां का डोला प्रत्येक वर्ष चैत्र नवरात्र पर मोहल्ला पक्काकोट स्थित मंदिर से चैती स्थित मंदिर में लाया जाता है। इस बार पहली बार ऐसा हुआ है मां की मूर्ति को बिना डोले से कार से लाया गया है।

-विकास पंडा, मुय पंडा, मां बाल सुंदरी देवी मंदिर।