बागेश्वर में केवल जिला हॉस्पिटल में ही होगा कोरोना का इलाज: रंजना राजगुरु डीएम
बागेश्वर। कोराना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन हर जरूरी कदम उठा रहा है। सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधा के साथ आइसोलेशन सेंटर भी बनाए गए हैं। संस्थागत क्वारंटाइन के लिए भी कई स्थानों का चयन हो चुका है। जिले में जिला अस्पताल को कोविड-19 की जांच और इलाज के लिए चयनित किया गया है। पूरे जिले में केवल यहीं कोरोना संदिग्धों की जांच और उपचार होगा। इसके अलावा सभी पर्यटक आवास गृह और नगर के पांच होटलों का चयन भी संस्थागत क्वारंटाइन के लिए किया जा चुका है।
मालूम हो जिले में एक जिला अस्पताल के अलावा तीन सामुदायिक और 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसके अतिरिक्त 89 उप स्वास्थ्य केंद्र भी हैं। देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी इससे निपटने के लिए पूरी तैयारियां कर ली हैं। जिला अस्पताल में फरवरी में छह बैड का आइसोलेशन वार्ड बनाया था। कोरोना संदिग्धों की संया बढऩे का अंदेशा होने के बाद अस्पताल के बाहर भी संस्थागत क्वारंटाइन का इंतजाम किया गया है। कोविड-19 की जांच और इलाज के लिए प्रशासन ने जिला अस्पताल का चयन किया है। जहां डॉक्टरों की एक टीम कोरोना संदिग्ध की जांच करेंगे और उसकी सैंपल लैब में भेजने का काम करेंगे। जिले के सभी सीएससी और पीएससी को इस तरह के संदिग्ध मिलने पर तत्काल जांच के लिए जिला अस्पताल भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं। प्रशासन का यह कदम कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है।
पर्यटक आवास गृह बने संस्थागत क्वारंटाइन
जिला प्रशासन ने कोरोना संदिग्धों की संया बढऩे के अंदेशे और बाहर से आने वाले लोगों के लिए पर्यटक आवास गृह में संस्थागत
क्वारंटाइन बनाया है। जहां बाहर से आए 23 लोग वर्तमान में मौजूद हैं। जिले के अन्य पर्यटक आवास गृहों को भी संस्थागत क्वारंटाइन में तब्दील कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त नगर के पांच होटलों का चयन भी क्वारंटाइन के लिए हुआ है।
कोविड-19 का उपचार जिला अस्पताल में ही किया जाएगा। यहीं मरीजों की जांच और सैंपलिंग की जाएगी। अस्पताल में आइसोलेशन सेंटर भी बना हुआ है। सीएससी और पीएससी में कोरोना से लेकर कोई जांच नहीं की जाएगी। – रंजना राजगुरु, डीएम, बागेश्वर।