वैदिक मंत्रोचारण के साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुले
उत्तरकाशी। अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर वैदिक मंत्रोचारण के साथ विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट पौराणिक परंपरानुसार रोहिणी नक्षत्र व अमृत बेला पर दोपहर 12:13 पर पूजा अर्चना के बाद विधिवत दर्शनार्थ खोल दिये गए। कपाट खुलने के इस मौके पर श्री पांच मंदिर समिति गंगोत्री के छह सदस्यों एवं तीर्थ पुरोहितों की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए कपाटोद्घाटन की सभी औपचारिकताएं पूरी की गई। वहीं कोरोना वायरस की महामारी के चलते देश में लगे लॉक डाउन के कारण इस वर्ष देश विदेश के श्रद्धालु कपाटोद्घाटन के इस ऐतिहासिक एवं धार्मिक क्षणों के साक्षी नहीं बन पाए। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर रविवार को मुहूर्त पर सुबह सात बजे भैरव घाटी स्थित प्राचीन भैरव मंदिर से मां गंगा की डोली यात्रा गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। पारंपरिक ढोल-दमाऊं एवं रणसिंघे की धुन पर ठीक नौ बजे मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम पहुंची। धाम में पहुंचने के बाद तीर्थपुरोहितों ने गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम, गंगा लहरी, श्रीशुक्त आदि के पाठ के साथ हवन व पूजा अर्चना की। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र, सर्वाथ अमृत योग की शुभ बेला पर वैदिक मंत्रोचारण के साथ ठीक 12:35 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट दर्शनार्थ खोल दिए गए। वहीं कपाट्दोघाटन के इस अवसर पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए के सभी तीर्थ पुरोहितों मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। हर एक पुरोहित दो गज की दूरी पर नजर आये। वहीं दूसरी ओर परगना मजिस्ट्रेट व एसडीएम भटवाड़ी देवेन्द्र सिंह नेगी पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने भी इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा और सादगी पूर्ण ढंग से कपाट्दोघाटन की रस्मे पूरी की।
इस मौके पर गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, सचिव दीपक सेमवाल, सह सचिव राजेश सेमवाल, अजय प्रकाश सेवमाल, अरूण सेमवाल, प्रेम वल्लभ सेमवाल, संजय सेमवाल,अमरीश सेमवाल, सीओ कमल सिंह पंवार, सीएमओ डा. डीपी जोशी, लोनिवि अधिशासी अभियंता आरएस खत्री मौजूद रहे।
वहीं दूसरी ओर वैदिक मंत्रोचार के साथ विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर पौराणिक परंपरानुसार अभिजीत मुहूर्त पर दोपहर 12:41 बजे हवन पूजा अर्चना के बाद विधिवत दर्शनार्थ खोल दिये गए। कपाट खुलने के इस मौके पर पंच पंडा एवं मंदिर समिति के सदस्यों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए कपाटोद्घाटन की सभी औपचारिकताएं पूरी की। हालांकि कोरोना वायरस की महामारी के चलते देश में लगे लॉक डाउन के कारण इस बार देश विदेश के श्रद्धालु कपाटोद्घाटन के इन ऐतिहासिक एवं धार्मिक क्षणों के साक्षी नहीं बन पाए। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर रविवार को पौराणिक परंपरानुसार तय मुहूर्त पर सुबह 8:05 बजे शनिदेव की डोली की अगुवाई में पारंपरिक वाद्ययंत्रों की थाप पर मां यमुना की डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली (खुशीमठ) से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। यमुनोत्री धाम में पहुंचने के बाद तीर्थपुरोहितों ने विधिवत हवन, पूजा अर्चना की। जिसके बाद सादे समारोह के बीच वैदिक मंत्रोचार के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट दर्शनार्थ खोल दिए गए। अब देश विदेश के श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन छह महीने तक यमुनोत्री धाम में कर सकेंगे। इस बार कोरोना वायरस की माहमारी के कारण देश में लगे लॉक डाउन के चलते यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के मौके पर प्रशासन द्वारा 21 लोगों की ही जाने की अनुमति दी गयी है तथा सभी इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखना होगा। इस बार कोरोना वायरस की माहमारी के कारण देश में 3 मई तक लॉक डाउन लगा है। जिस कारण देश विदेश के श्रद्धालु कपाटोद्घाटन के इस मौके पर यमुनोत्री धाम नही पहुंच सके। पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में सभी ने इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा। इस मौके पर यमुनोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष/एसडीएम बड़कोट सोहन सिंह सैनी, पुलिस उपाधीक्षक अनुज आर्य, मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल, उपाध्यक्ष जगमोहन उनियाल सहित तीर्थपुरोहित शामिल रहे।