May 19, 2024

द्वाराहाट की मंजू ने पिरूल से फूलदान, टोकरी और पायदान तैयार किये

अल्मोड़ा। प्रतिभा किसी की महोताज नहीं होती। अपनी प्रतिभा का द्वाराहाट की मंजू भी उपयोग कर रही है। वह लॉकडाउन में पिरूल के उत्पाद तैयार कर रही है। गांव की महिलाओं को भी इस बारे में बता रही है। महिलाओं को अन्य जानकारियां भी दे रही हैं। द्वाराहाट के हाट गांव निवासी मंजू साह राकइंका ताड़ीखेत में प्रयोगशाला सहायक के पद पर तैनात हैं। अपने हुनर के दम पर वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त भी कर चुकी हैं। मंजू ने कोलकाता में आयोजित इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2019 में अपने प्रतिभा का जौहर दिखाते हुए बेस्ट अपकमिंग आर्टिस्ट का खिताब अपने नाम किया। इन दिनों मंजू पहाड़ में वनाग्नि एवं इससे पर्यावरण को हो रहे नुकसान को बचाने के लिए पिरूल का उपयोग कर रही हैं। उससे फूलदान, टोकरी, आसन, पायदान, डायनिंग क्लाथ, टी कोस्टर, पेन स्टैंड, मोबाइल चार्ज होल्डर एवं घरेलू उपयोग में आने वाली वस्तुएं बना रही हैं। साह ने कहा शिक्षा विभाग में कार्यरत गौरी शंकर कांडपाल जो कि संस्कृति संवर्धन एवं पुरातन कलाओं को जीवंत करने का भी कार्य करते हैं। उनकी प्रेरणा से ही वह यह पुरस्कार प्राप्त कर पाई।
महिलाओं को भी दे रही प्रशिक्षण
मंजू ने कहा लॉकडाउन के समय में वह अपने घर पर स्थानीय महिलाओं को भी पिरूल से बनने वाले उत्पादों को बनाने की कला सीखा रही हैं। कहा लोग इस कार्य में लगन व निष्ठा से कार्य करें तो निश्चित ही यह पर्यावरण, वनाग्नि को रोकने में मददगार के साथ ही विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजगार का साधन भी हो सकता है।
29 रायों के तीन लोग ही हुए चयनित
मंजू साह ने कहा कोलकाता में आयोजित फेस्टिवल में 29 रायों के 756 स्टाल लगे थे। जिसमें बेस्ट अपकमिंग आर्टिस्ट के रूप में तीन लोग ही चयनित हुए थे। जिसमें मेरा उनका नाम भी शामिल था।
रमसा में भी समान
साह के निर्देशन पर पिछली बार रमसा के तहत विद्यालयी छात्राओं ने भी इस पर उल्लेखनीय कार्य करते हुए जिले व राय स्तर पर हुए विज्ञान प्रदर्शनी में भी यह प्रोजक्ट स्थान बनाने में सफल रहा।