रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया चीन सीमा के पास पहुंची सड़क का ऑनलाइन उद्घाटन
पिथौरागढ़। चीन सीमा पर घटियाबगड़ से लिपुपास सड़क का रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि चीन सीमा तक सड़क बनने से देश सामरिक रूप से मजबूत हुआ है। यहां से कैलास मानसरोवर यात्रा भी सुगम होगी। सेना और आइटीबीपी, एसएसबी के जवान अग्रिम चौकियों तक वाहनों से पहुंच सकेंगे। कहा कि अब कैलास मानसरोवर यात्रा 80 फीसदी यात्रा भारत में और 20 फीसदी यात्रा चीन में वाहनों से होगी। इस सड़क के बनने से देश की ताकत न सिर्फ सामरिक दृष्टि से मजबूत होगी, बल्कि कैलास मानसरोवर के यात्रियों को भी बड़ी राहत मिलेगी। तिब्बत-चीन सीमा से सटे पिथौरागढ़ जिले के सीमांत धारचूला स्थित घटियाबगड़ से लिपूपास तक 75 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो गया है।
शुक्रवार को केंद्रीय रक्षामंत्री नई दिल्ली से इस सड़क का शुभारंभ वीडियो कान्फ्रेंसिंग से किया। इसी के साथ इस मार्ग पर भी वाहन दौडऩे लगेंगे। 2003 में बीआरओ को इस सड़क के निर्माण का जिमा सौपा गया था, जिसे 2008 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण निर्माण कार्य निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो पाया।
इसका सीधा लाभ सेना सहित उच हिमालयी क्षेत्रों में रह रहे लोगों को मिलेगा। इसके बाद डीएम,एसपी व बीआरओ के अधिकारियों ने आइटीबीपी व एसएसबी के छोटे वाहनों को धारचूला के लिए रवाना किया। ये वाहन शनिवार सुबह धारचूला से चीन सीमा को रवाना होंगे।
सीमा सड़क संगठन को 4 किमी सड़क काटने में लगे तीन साल
सीमा सड़क संगठन को इस सड़क के निर्माण में कठोर चट्टान के कारण लामारी से लखनपुर तक चार किमी सड़क बनाने में तीन साल लग गए। खड़ी चट्टान और नीचे बह रही काली नदी से बचाव करते हुए इस सड़क का निर्माण यहां बेहद मुश्किल काम था।
छह हजार से अधिक ग्रामीणों को सड़क बनने से मिलेगा फायदा
इस सड़क के बन जाने से व्यास वैली के सात गांवों के लोगों के साथ सीमा पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को लाभ मिलेगा। माइग्रेशन वाले इन गांवों में 6हजार से अधिक की आबादी रहती है। सड़क बनने से भारत चीन व्यापार सुगम होगा और सुरक्षा कर्मियों को भी राहत मिलेगी। बताया कि आठ साल की कड़ी मेहनत के बाद चीन सीमा तक सड़क पहुंचा दी गई है।