June 17, 2024

मोटर मालिकों की कम की खबर: प्रदेश में वाहन टैक्स-परमिट रिनुअल फीस में मिली छूट

देहरादून। ई-रिक्शा से लेकर कांट्रेक्ट कैरिज बस तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़े सभी वाहनों को परमिट शुल्क भुगतान में एक बार की छूट मिल गई। इसके साथ ही तीन महीने का मोटर व्हीकल टैक्स भी माफ हो गया। गुरूवार को परिवहन सचिव शैलेश बगौली ने इसके आदेश किए। पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में यह निर्णय किया गया था। इस फैसले का करीब दो लाख लोगों को मिलेगा। परिवहन सचिव के अनुसार 31 जनवरी 2020 तक वैध परमिटधारकों को इस तारीख के बाद भी वर्ष 2020-21 में एक बार परमिट नवीनीकरण फीस नहीं देगी। इन दोनों फैसलों का लाभ स्टेज कैरीज बस, कांटेक्ट कैरीज बस, कांटेक्ट कैरीज टैक्सी कैब, कांटेक्ट कैरीज मैक्सी, टैक्सी, ऑटो रिक्शा, विक्रम, परमिट से छूट प्राप्त ई रिक्शा आदि को मिलेगा। हालांकि परिवहन कारोबारी सरकार के इन दोनों फैसले से यादा खुश नहीं है। परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय, महासचिव सत्यदेव उनियाल, जीएमओयू के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल आदि का कहना है कि ये रियायते नाकाफी है। तीन महीने का मोटर व्हीकल टैक्स तो वाहनों से लिया ही नहीं जा सकता है। लॉकडाउन की वजह इस अवधि में गाडिय़ां चली ही नहीं हैं। यह तो वाहन स्वामी ने नहीं ही देना है। यदि सरकार वास्तव में परिवहन कारोबारियों को राहत देने के बारे में सोचती है तो मोटर व्हीकल टैक्स कम से कम एक साल का माफ होना चाहिए।
उत्तराखंड के परिवहन सेक्टर के के लिए केवल मार्च, अप्रैल, मई और जून का महीना ही सबसे महत्वपूर्ण होता है। यात्रा और पर्यटक सीजन होने की वजह से इसी वक्त पर्यटन और परिवहन सेक्टर के लोग कुछ कमा पाते हैं। इस साल तो ये तीनों महींने बंद में निकल गए हैं। पूरा सेक्टर एक साल पीछे चला गया है। -सुधीर राय, उत्तराखंड परिवहन महासंघ

हल्द्वानी: लॉकडाउन की पाबंदियों प्रभावित हुए सार्वजनिक परिवहन के कारोबार को सरकार का सहारा मिल गया है। वाहन टैक्स में तीन माह और 31 जनवरी के बाद परमिट रिनुअल फीस में एक साल तक छूट को रायपाल ने मंजूरी दे दी है। वहीं, परिवहन सचिव शैलेश बगौली ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। सरकार की ओर से दी गई इस छूट के दायरे में ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी कैब, मैक्सी कैब, बस, विक्रम समेत सभी तक के सार्वजनिक सड़क परिवहन के साधन आएंगे। इधर, कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी की बात करें तो इस बड़ी राहत का फायदा यहां करीब 10 हजार गाड़ी मालिकों को मिलेगा। यहां तकरीबन साढ़े 6 हजार ऑटो और ई-रिक्शा, 2,800 करीब टैक्सी और मैक्सी कैब के अलावा 4 सौ करीब निजी बसों का संचालन होता है। पहाड़ में पर्यटन का अहम पड़ाव होने के बावजूद लॉकडाउन के बाद संचालन बंद होने से इस कारोबार से जुड़े लोग काफी परेशान थे और टैक्स में छूट की मांग कर रहे थे। सरकार के इस फैसले से कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है।
टैक्स और परमिट फीस में छूट के संबंध में शासन से आदेश मिला है। आदेशों में छूट के जो प्रावधान किए गए हैं उन्हीं के अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी। – संदीप वर्मा, एआरटीओ प्रशासन