पिथौरागढ़ में हिमालयन ग्राम विकास समिति ने किया साइंस आउटरीच का आयोजन,जाने माने वैज्ञानिक हुए शामिल
पिथौरागढ़ ( आखरीआंख समाचार ) छात्रों में विज्ञान के प्रति अभिरूचि बढ़ाकर उनमें से वैज्ञानिक प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के उद्देष्य से दो दिवसीय सांइस आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन हिमालयन ग्राम विकास समिति के तत्वाधान में पिथौरागढ़ में शुरू हुआ। कार्यक्रम में विण और मूनाकोट विकासखण्ड के 20 विद्यालयों के 125 छात्र व अध्यापको ने सहभागिता की। कार्यक्रम की शुरुवात करते हुये प्रख्यात भूविज्ञानी प्रो. के. एस. वल्दिया ने कहा कि आज की पीढ़ी के बच्चे बहुत समझदार है। उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि हमे कोशिश करनी चाहिए कि हम अपने रास्ते खुद चुने ना कि बने हुये रास्तों पर किसी का पिछलग्गू बनकर अपनी जिंदगी बिताये। उन्होंने यह भी कहा कि हमे सपने देखने चाहिए और उनको पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए। छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में आप लोगों को देश भर से आये प्रख्यात वैज्ञानिकोें को सुनने – समझने व उनके साथ बातचीत करने का मौका मिलेगा, इसका लाभ उठाये और अपने जीवन में वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ने की राह सुनिष्चित करे।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य शिक्षाधकारी श्री वी.पी. सिमल्टी ने सभी वैज्ञानिकों का कार्यक्रम का स्वागत करते हुये कहा कि इस तरह के कार्यक्रम सीमांत जगहों के छात्रों के साथ भी किये जाने चाहिए और इसके साथ स्कूलों के अध्यापको को भी प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। कार्यक्रम सचालकोें का आभार प्रकट करते हुए श्री सिमल्टी ने भविश्य में अपने स्तर से इन कार्यक्रमों के आयोजन में हर सम्भव सहयोग देने की बात कही।
एच.जी.वी.एस. के श्री राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि 2010 से शुरू हुये इस कार्यक्रम के माध्यम से 400 से अधिक विद्वालयों के 15000 से ज्यादा छात्र एवं लगभग 1000 अध्यापक लाभान्वित हो चुके हैं। कार्यक्रम का संचालन श्री किशोर चन्द्र पाटनी एंव श्री दिनेश भट्ट जी ने किया। इसके पहले प्रो. के. एस. वल्दिया, प्रो. विनोद गौड़, श्री वी.पी. सिमल्टी ने ने दीप प्रज्वल्लित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुवात की।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सीएसआईआर बैंग्लूर से आये प्रों विनोद कुमार गौड़ ने ‘दि ज्वाय आॅफ डिस्कवरी‘ विषय पर बताया कि विज्ञान में यदि शोध कार्यो को उत्साह के साथ किया जाता है तो मिलने वाले परिणामों से एक अलग तरह का आनंद प्राप्त होता है।
जे.एन.सी.ए.एस.आर. बैंग्लूरू से आये प्रो उमेश वाघमरे ने पदार्थ पर अपना व्याखान देते हुए बताया कि पदार्थ विज्ञान में हुए खोजों से हम कई तरह नये उपकरण और अनुसधान में प्रयोग होने वाली चीजों को आसान बना पाये है।
तीसरे एवं अंतिम सत्र में जे.एन.सी.ए.एस.आर बैंग्लूरू से आये प्रो उदय रंगा ने कैंसर के कारण और इसके इलाज की विभिन्न विधियों एंव चल रहे शोधो के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान बैग्लूरू की प्रों प्रीति जोशी ने मानव मस्तिष्क संरचना एंव उसकी कार्य प्रणाली पर विस्तिृत जानकारी दी। प्रों बी.डी. लक्चौरा ने जीन एवं उसके विकास पर अपना व्याख्यान देते हुये कहा कि विभिन्न रोगो के इलाज में जीन थैरेपी की उपयोगिता को विस्तार से समझाया।
आज कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रों के.एस. वल्दिया, प्रों ए.एस.जीना, प्रों एन.बी. जोशी आदि द्वारा मेरा देश मेरे लोग, मानव मस्तिष्क, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता आदि विषयो पर विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा छात्रो का ज्ञान वर्धन करेंगे।