आरबीआई का बड़ा तोहफा: पेटीएम-फोनपे वॉलेट में रख सकेंगे 2 लाख रुपये, पेमेंट ऑपरेटर्स को आरटीजीएस-एनईएफटी की सुविधा
मुंबई । कोरोना संकट के इस दौर में भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के विकास को गति देने को ध्यान में रखते हुए प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है जिससे घर, कार आदि पर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद धूमिल हो गई है। इसके साथ ही आम लोगों को एक बड़ी राहत दी है। राहत यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब ग्राहकों को रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम और (आरटीजीएस) नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए लेनदेन करने के लिए बैंकों के ऊपर पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय बैंक ने इसका दायरा बैंकों से आगे बढ़ा दिया है। दायरा बढ़ाते हुए कहा गया है कि फिनटेक और पेमेंट कंपनियों के ग्राहक इनके जरिए फंड ट्रांसफर कर सकेंगे। इससे पहले यह सुविधा सिर्फ बैंकों और अपवादस्वरुप कुछ अन्य नॉन-बैंकों के ग्राहकों को ही मिलती थी. आरबीआई के इस प्रस्ताव से पीपीआईज, कार्ड नेटवक्र्स, वाइड लेवल एटीएम ऑपरेटर्स जैसे नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम भी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित की जाने वाली आरटीजीएस और एनईएफटी की सदस्यता ले सकेंगे।
मालूम हो कि आरटीजीएस और एनईएफटी एक सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम है। लेकिन, अब नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम तक भी यह सुविधा दी जाएगी। यह प्रीपेड पेमेंट इस्ट्रूमेंट, कार्ड नेटवक्र्स, व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स, आदि तक बढ़ाई जा चुकी है।इसके अलावा सबसे बड़ी राहत केंद्रीय बैंक ने पेटीएम-फोनपे जैसे प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स के लिए अकाउंट लिमिट को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है। पहले यह लिमिट 1 लाख रुपये थी। इससे पेटीएम और फोनपे यूजर्स को बड़ा फायदा मिलेगा, हालांकि यह फायदा उन्हीं को मिलेगा जिनकी केवाईसी हो चुकी हो। मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद आरबीआई के गवर्नर शक्ति कांता दास ने समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि मुख्य नीतिगत दरें यथावत रखी गई है। रेपो रेट को 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। उन्होंने कहा कि रेपो दर चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर यथावत है। इसके साथ ही एमएसएफ 4.25 प्रतिशत और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर स्थिर है। ये दरें अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर हैं।