दो मई ममता दीदी आई 0-बंगाल में टीएमसी की जीत की हैट्रिक 0-असम में भाजपा तो केरल में वाम फ्रंट की सत्ता बरकरार 0-तमिलनाडु-पुदुचेरी में बजा परिवर्तन का बिगुल
नई दिल्ली, । रविवार को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे घोषित हो गए। तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुआई में तृणमूल कांग्रेस ने जीत की हैट्रिक लगाई तो असम में भाजपा भी अपनी सत्ता बरकरार रखने में सफल रही। अपनी सत्ता बचा कर वाम फ्रंट ने केरल में हर पांच साल में परिवर्तन की चली आ रही परंपरा पर विराम लगाने का इतिहास रचा। जबकि तमिलनाडु और पुदुचेरी में मतदाताओं ने परिवर्तन का बिगुल बजाया।
इस चुनाव में अंर्तद्वंद्व से जूझ रही कांगे्रस का हाथ खाली रहा। जबकि भाजपा की पश्चिम बंगाल में सत्ता हासिल करने की आस अधूरी रह गई। कांग्रेस को पुदुचेरी की सत्ता ही नहीं गंवानी पड़ी, बल्कि उसकी असम और केरल में सत्ता हासिल करने के अरमानों पर भी ग्रहण लग गया। पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधन को पश्चिम बंगाल में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
बंगाल में ममता का जादू कायम
इस चुनाव में सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल पर थी। राज्य की सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा ने अपनी सारी ताकत झोंक दी थी। इसके बावजूद सत्तारूढ़ टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी पुराना प्रदर्शन दुहराते हुए जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रही। तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा के सीटों की संख्या तीन अंकों में नहीं पहुंच पाई। जीत की हैट्रिक के साथ ही ममता अपना सियासी कद बड़ा करने में कामयाब रही।
केरल में टूटी परंपरा
हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन केरल की राजनीतिक परंपरा बन गई थी। इस बार वाम दलों के नेतृत्व वाले एलडीएफ ने अपनी सत्ता बरकरार रख कर इस परंपरा पर ब्रेक लगाने का इतिहास रचा। इसके साथ ही कांग्रेस की सत्ता पाने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। वाम दलों की यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि देश में केरल ही इकलौता राज्य हैं जहां वाम दलों की सरकार बची है।
असम में भी पुरानी सरकार
पश्चिम बंगाल और केरल की तरह असम में भी मतदाताओं ने सत्तारूढ़ गठबंधन राजग पर ही भरोसा जताया। बीते विधानसभा चुनाव के मुकाबले भले ही राजग की सीटों में कमी आई, मगर गठबंधन कांग्रेस की अगुवाई में बने बड़े गठबंधन के बावजूद आरामदायक बहुमत हासिल करने में कामयाब रही। असम में जीत से राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री हेमंत विस्वासरमा का सियासी कद बढ़ गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि पार्टी वर्तमान सीएम सर्वानंद सोनोवाल की जगह विस्वसरमा को सरकार की कमान देगी।
तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन
तमिलनाडु में एम के स्तालिन के नेतृत्व में द्रमुक ने सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक को करारी शिकस्त दी है। द्रमुक को अन्नाद्रमुक के मुकाबले करीब दोगुना सीटें हासिल हुई है। परिणाम के साथ ही न सिर्फ पार्टी में करुणानिधि की विरासत स्तालिन को हासिल होने पर मुहर लगी है, बल्कि स्तालिन के ही मुख्यमंत्री बनने की संभावना है। गौरतलब है कि जयललिता की अनुपस्थिति में सत्तारूढ़ अन्नाद्रुमक पार्टी में जारी अंतर्विरोध का हल नहीं ढूंढ पाई।