सेंट्रल विस्टा परियोजना पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत
नईदिल्ली, । उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण कार्यों पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर सुनवाई के लिए बुधवार को सहमति जताी। याचिकाकर्ता अन्या मल्होत्रा और सोहैल हाशमी ने अपनी याचिका में कोविड-19 के लगातार बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर परियोजना के निर्माण कार्य को गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि इसमें लगे श्रमिकों के प्रतिदिन कोरोना संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं।
करीब 20 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के निर्माण कार्य को केंद्र सरकार की ओर से ‘आवश्यक सेवाÓ की श्रेणी में लाये जाने विपक्षी दलों ने भी काफी आक्रोश व्यक्त किया है। विपक्षी दलों समेत विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कोरोना महामारी के बीच परियोजना पर लगातार काम को लेकर सरकार की तीखी आलोचना भी की है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति को बताया कि महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत प्रधानमंत्री आवास का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा। समिति ने परियोजना के लिये अपनी मंजूरी दी है।इस परियोजना को विकसित कर रहे सीपीडब्ल्यूडी ने विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) को सूचित किया कि संसद की इमारत के विस्तार और संसद की नई इमारत का निर्माण नवंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा और प्रधानमंत्री आवास का निर्माण 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।