वैज्ञानिकों ने निकाला सुपर वैक्सीन का फॉर्मूला कोरोना के हर वेरिएंट पर करेगा प्रहार
नई दिल्ली ,। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से परेशान दुनिया के लिए राहत भरी खबर है। वैज्ञानिकों ने सुपर वैक्सीन का फॉमूर्ला खोजा है जो कोरोना के हर वेरिएंट पर कारगर होगा। यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के शोधकर्ताओं ने बताया कि हमने कोरोना को मात दे चुके लोगों में ऐसी एंटीबॉजी खोजी है जो हर तरह से वेरिएंट से लडऩे में सक्षम है। यह अध्ययन साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में पांच मानव मोनोक्लोनल एंटीबॉडी पर शोध का वर्णन किया गया है। यह बीटा वेरिएंट पर प्रभावी पाया गया।
शोधकर्ताओं ने इस दौरान कोरोना से ठीक हुए लोगों में विशिष्ट मेमोरी बी कोशिकाओं की जांच की। मेमोरी बी श्वेत रक्त कोशिकाएं होती हैं। ये उन वायरस को पहचानती हैं और उनके खिलाफ प्रतिक्रिया देती हैं जो पहले शरीर पर हमला कर चुका होता है। वैज्ञानिकों ने कोरोना को हरा चुके लोगों में मिली पांच एंटीबॉडी में से एस2पी6 पर ध्यान देना शुरू किया। आणविक संरचना विश्लेषण और कार्यात्मक अध्ययनों से पता चला है कि इस मोनोक्लोनल एंटीबॉडी में प्रभावशाली विविधता थी। साथ ही यह कोरोना के बीटा वायरस के तीन अलग-अलग उपजातियों को बेअसर कर सकता है। वैज्ञानिकों ने देखा कि ऐसा उसने कोशिका झिल्लियों के साथ जुडऩे की वायरस की क्षमता को बाधित करके किया। ये एंटीबॉडी इन वायरस के स्पाइक प्रोटीन में स्टेम हेलिक्स नामक संरचना को लक्षित करते हैं। स्पाइक प्रोटीन मेजबान कोशिकाओं पर कब्जा करने की वायरस की क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है।
क्या होता है स्पाइक प्रोटीन?
कोरोना वायरस की बाहरी सतह पर कांटों की तरह दिखने वाला जो हिस्सा होता है, वहां से वायरस प्रोटीन निकलता है। इसे स्पाइक प्रोटीन कहते हैं। इसी प्रोटीन से संक्रमण शुरू होता है। यह इंसान के एंजाइम एसीई2 रिसेप्टर से जुड़ फेफड़ों में पहुंचता है। फिर संख्या बढ़ाकर संक्रमण को बढ़ाता है।
नए वेरिएंट की दो तरीकों से की जा रही निगरानी
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. एसके सिंह ने कहा कि हम दो तरीके से सर्विलांस (निगरानी) कर रहे हैं। एक तो हम बाहर से आने वाले चिंता के कारण वेरिएंट की निगरानी कर रहे हैं और दूसरा देश में डेल्टा वेरिएंट के प्रभाव पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि आज हमें वायरस के नए म्यूटेंट की ओर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि वह किसी भी समय कहीं भी पहुंच सकते हैं। ऐसे स्थानों की पहचान करने की जरूरत है जहां निगरानी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम कोरोना वायरस के जिन वेरिएंट की निगरानी कर रहे हैं वह अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और डेल्टा प्लस हैं। दो वेरिएंट जिसमें कप्पा वेरिएंट और बी 1617.3 वेरिएंट इस समय जांच के दायरे में हैं।