दो दिवसीय उत्तराखंड लोकवाद्य यंत्र प्रस्तुतीकरण, हस्तशिल्प प्रदर्शनी सम्मान समारोह शुरू
देहरादून। उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को बढ़ाने और ग्रामीण उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए दो दिवसीय उत्तराखंड लोकवाद्य यंत्र प्रस्तुतीकरण, हस्तशिल्प प्रदर्शनी सम्मान समारोह रेंजर्स ग्राउंड में शुरू हो गया है। पहले दिन विभिन्न जिलों से पहुंची टीमों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
समारोह का उद्घाटन शनिवार को महापौर सुनील उनियाल गामा ने ढोल बजाकर किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न पहाड़ी उत्पादों के लगे स्टाल पर जाकर सराहना की। आयोजक चारधाम अस्पताल के निदेशक डा. केपी जोशी ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य लोककला को आगे बढ़ाना और कलाकारों को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि पहले पहाड़ में 50 तरह के वाद्य यंत्र होते थे जो अब घटकर 15 रह गए हैं, ऐसे में इनका संरक्षण जरूरी है। इसके साथ ही ग्रामीण उत्पादों को बढ़ावा देने और बाजार उपलब्ध कराना है।
इस दौरान ब्रह्मकमल दल ने राजजात नन्दा की झांकी, राजकीय इंटर कालेज चोपता रुद्रप्रयाग के छात्रों ने ढोल दमाऊं के माध्यम से भगवान तुंगनाथ की आराधना, बग्वाल गीत, मंडाण की प्रस्तुति दी। अनिरुद्ध बिष्ट ने ढोल पर विभिन्न ताल प्रस्तुत किए। उत्तरकाशी के केवलगांव के राकेशदास व उनके पुत्र रकमदास व चमोली के हरीश, जयदास ने ढोल दमाऊं व मशकबीन, बागेश्वर के कलाकारों ने छोलिया नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोहा।
इस मौके पर लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, अशोक वर्मा, लालचंद शर्मा आदि मौजूद रहे। लोक कलाकारों के लिए मंच उपलब्ध कराने के लिए इंडियन आइडल के विजेता पवनदीप राजन, मिस ग्रैंड इंटरनेशनल इंडिया अनुकृति गुसाईं, लोक गायिका मीना राणा, संगीता ढौंडियाल ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सराहना की।
पहाड़ी रसोई का उठाया आनंद
रेंजर्स ग्राउंड में सरस्वती जागृति सयम सहायता समूह की ओर से पहाड़ी रसोई में डाल के पकोड़े, झंगोरे की खीर, अड़सा आदि व्यंजन उपलब्ध कराए गए, जिनका लोग ने आनंद लिया।