सबसे खास थी वार्न की बॉल ऑफ द सेंचुरी
सबसे खास थी वार्न की बॉल ऑफ द सेंचुरी
नयी दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न पहली बार 1992 में चर्चा में आए थे। वार्न ने 15 साल पहले अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था, लेकिन आज भी लेग-स्पिन किंग द्वारा फेंकी गई प्रतिष्ठित बॉल ऑफ द सेंचुरी क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यादगार है। टेस्ट क्रिकेट में शेन वॉर्न 700 से ज्यादा विकेट लेने वाले दुनिया के इकलौते लेग स्पिनर हैं। 30 साल पहले मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज के टेस्ट मैच में इंग्लैंड के बल्लेबाज माइक गैटिंग को क्लीन बोल्ड कर वार्न ने दुनिया को चौंका दिया था। वार्न द्वारा फेंकी गई जादुई गेंद गैटिंग के ऑफ स्टंप को हिट करने के लिए 90 डिग्री मुड़ी थी।
साल 1992 में सिडनी में शेन वार्न ने भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। वह अपने पहले टेस्ट में ज्यादा कुछ नहीं कर पाए और सिर्फ एक विकेट ही ले पाए थे। 1993 की एशेज सीरीज में से पहले वार्न (11 टेस्ट में 32 विकेट) को एक औसत लेग स्पिनर माना जाता था। वॉर्न ने 1992 के बॉक्सिंग-डे टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ 52 रन देकर 7 विकेट लिए थे।
उनकी असली प्रतिभा 1993 की एशेज सीरीज में सामने आई थी। उन्होंने अपनी पहली एशेज सीरीज में 5 टेस्ट में 29 विकेट लिए थे। 1993 के एशेज टेस्ट के पहले ओवर में वार्न ने पिच से फायदा उठाया और एक बेहतरीन लेग स्पिन फेंकी, जो माइक गैटिंग के लेग स्टंप के बाहर पिच हुई, लेकिन घूमकर ऑफ स्टंप के ऊपर जा टकराई।
एक इंटरव्यू में शेन वार्न ने कहा था कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह ऐसी गेंद भी फेंक सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ लेग ब्रेक गेंदबाजी करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गेंद 90 डिग्री घूम गई। वह अविश्वसनीय था। वॉर्न ने बॉल ऑफ द सेंचुरी को भी अपनी जिंदगी का सबसे खास पल बताया था।
शेन वार्न विश्व क्रिकेट का एक ऐसा नाम जिन्होंने अपनी गेंदबाजी के जरिए स्पिन के मायने ही बदल दिए। अपनी गेंदबाजी के लिए वार्न ने दुनिया में एक ऐसी मिसाल कायम की जिसे क्रिकेट के इतिहास में हमेशा ही याद रखा जाएगा। उन्होंने खेल के मैदान पर ना सिर्फ विकेट लिए बल्कि अपने खेल से तमाम क्रिकेट फैंस के दिल भी जीते। क्या उनकी बाल आफ सेंचुरी को कोई भूल सकता है कभी। क्या उनके गेंदबाजी स्टाइल को अपनी याद से मिटा सकता है कोई। आंकड़ों की बात करें तो वो उसमें भी किसी से कम नहीं थे और उनका खेलने का स्टाइल, उनके आंकड़ें चाहे वो क्रिकेट का कोई भी प्रारूप हो हर जगह वो बेमिसाल हैं।
शेन वार्न का जन्म 13 सितंबर 1969 को विक्टोरिया (आस्ट्रेलिया) में हुआ था और उन्होंने 4 मार्च 2022 को दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने आस्ट्रेलिया के लिए 1992 से लेकर 2007 तक क्रिकेट खेली और इस दौरान उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में 145 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 708 विकेट लिए थे और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एक मैच में 128 रन देकर 12 विकेट रहा था तो वहीं एक पारी में 71 रन देकर 8 विकेट रहा था। आस्ट्रलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में पहले स्थान पर हैं तो वहीं वो टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर मौजूद हैं।
उन्होंने अपने देश का प्रतिनिधित्व 194 वनडे मैचों में किया था और उन्होंने कुल 293 विकेट लिए थे साथ ही इस प्रारूप में उनका बेस्ट प्रदर्शन 33 रन देकर 5 विकेट रहा था। वहीं 73 टी20 मैचों में उनके नाम पर 70 विकेट दर्ज हैं और उनका बेस्ट प्रदर्शन 21 रन देकर 4 विकेट रहा था। शेन वार्न ने आइपीएल के शुरुआती सीजन यानी साल 2008 में राजस्थान रायल्स को पहली बार इस लीग में चैंपियन बनाया था।
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बंगलादेश के तेज गेंदबाजी कोच बने एलन डोनाल्ड
ढाका । बंगलादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने एलन डोनाल्ड को बंगलादेश की पुरुष क्रिकेट टीम का तेज गेंदबाजी कोच नियुक्त किया है। पूर्व दक्षिणी अफ्रीकी खिलाड़ी का यह अनुबंध अगले आईसीसी टी-20 विश्व कप तक चलेगा।
डोनाल्ड, जिन्होंने 72 टेस्ट और 64 वनडे मैच खेले हैं, ओटिस गिब्सन का स्थान लेंगे, जो यॉर्कशायर में मुख्य कोच के रूप में शामिल हुए थे। डोनाल्ड ने 2007 में टीम के गेंदबाजी सलाहकार के रूप में काम किया है और वह वारविकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के साथ भी काम कर चुके हैं। इसके बाद उन्होंने 2010 में जिम्बाब्वे के साथ काम किया था और 2011 में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के दौरान न्यूजीलैंड के गेंदबाजी कोच बने।
उन्होंने इससे पहले दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के साथ भी काम किया है और एक बार आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु (आरसीबी) टीम प्रबंधन का भी हिस्सा रहे हैं। उन्हें 2019 में आईसीसी हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया था।
डोनाल्ड ने एक बयान में कहा, मेरे लिए यह घोषणा करने के लिए बहुत खास दिन है कि मैं दक्षिण अफ्रीकी श्रृंखला की शुरुआत से ही बंगलादेश क्रिकेट टीम में शामिल हो जाऊंगा, जो ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप तक चलेगी। मैं रसेल डोमिंगो के साथ भी बहुत करीब से काम कर रहा हूं, जिन्हें मैं दक्षिण अफ्रीकी टीम में रहने के अपने दिनों से बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। मुझे पता है कि वह बंगलादेश टीम के साथ बहुत मेहनत कर रहे हैं और मैं बंगलादेश के तेज गेंदबाजों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।
उन्होंने कहा, यहां युवा प्रतिभाशाली समूह है और मुझे पता है कि वे इस समय अफगानिस्तान के खिलाफ बहुत अच्छा कर रहे हैं। मैं सच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच से पहले दक्षिण अफ्रीका में बंगलादेश टीम के साथ जुडऩे के लिए उत्सुक हूं।
उल्लेखनीय है कि बंगलादेश को तीन वनडे और दो टेस्ट मैचों के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा करना है, जो 18 मार्च को शुरू होगा।
दूसरे दिन का खेल समाप्त, श्रीलंका ने 4 विकेट पर बनाए 108 रन
नई दिल्ली । भारत और श्रीलंका के बीच मोहाली के पीसीए स्टेडियम में पहला टेस्ट मैच खेला जा रहा है। जानकारी के अनुसार दूसरे दिन भारत ने अपनी पहली पारी को 574 रन के स्कोर पर घोषित किया। रविंद्र जडेजा ने टीम की तरफ से सर्वाधिक 175 रन बनाए और नाबाद रहे। वहीँ, ऋषभ पंत ने 96, रविचंद्रन अश्विन ने 61 और हनुमा विहारी ने 58 अर्धशतक लगाए। वहीँ, श्रीलंका की ओर से सुरंगा लकमल, विश्वा फर्नांडो और लसिथ एम्बुलडेनिया ने दो-दो विकेट चटकाए। रोहित ने अश्विन को जडेजा की जगह पर नए स्पेल के साथ लगाया और उन्होंने आते ही पहली गेंद पर धनंजय डीसिल्वा को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। आश्विन ने डीसिल्वा को एक रन के स्कोर पर एलबीडब्ल्यू आउट किया। श्रीलंका ने दूसरे दिन खेल समाप्त होने तक चार विकेट के नुकसान पर 108 रन बना लिए हैं। चार महत्वपूर्ण बल्लेबाज पवेलियन लौट गये हैं। भारत ने पहली पारी 574 पर घोषित की थी। दूसरे दिन खेल समाप्त होने तक चरित असलंका और पथुम निसानका क्रीज पर मौजूद थे।
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रविंद्र जडेजा का मोहाली में कमाल, विराट के 100वें टेस्ट को बनाया स्पेशल- भारत ने पहली पारी की घोषित
मोहाली ,। भारतीय टीम के ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने मोहाली के मैदान पर विराट कोहली के 100वें टेस्ट मैच में दमदार खेल दिखाया। उन्होंने अपने टेस्ट करियर का दूसरा शतक ठोका। साथ ही साथ उन्होंने अपने इंटरनेशनल करियर की सबसे बड़ी 175 रन की पारी खेली। अभी तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका हाई स्कोर 100 रन था, लेकिन अब वे इस आंकड़े को पार करने में सफल हो गए हैं। भारत ने 574 रन पर पहली पारी घोषित कर दी है। बाएं हाथ के बल्लेबाज रविंद्र जडेजा ने 160 गेंदों में 10 चौके की मदद से अपना दूसरा टेस्ट शतक पूरा किया। इसी के साथ उनके बल्ले से तलवार बाजी भी देखने को मिली। जडेजा अक्सर अपना अर्धशतक और शतक पूरा करने के बाद अपने बल्ले से तलवारबाजी जैसे करतब दिखाते नजर आते हैं। इसी मुकाबले में अर्धशतक पूरा करने के बाद भी उन्होंने तलवारबाजी वाला सेलिब्रेशन किया था।
रविंद्र जडेजा ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक साल 2018 में राजकोट के मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था। ये उनके इंटरनेशनल करियर का पहला शतक था। वे वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में अभी तक एक भी बार शतकीय पारी नहीं खेल पाए हैं। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10 और लिस्ट ए क्रिकेट में 2 शतक ठोके हुए हैं। वे निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हैं।
रविंद्र जडेजा उस समय बल्लेबाजी करने उतरे थे, जब टीम इंडिया के 5 विकेट 228 रन पर गिर चुके थे। इसके बाद उन्होंने रिषभ पंत के साथ 104 रन की साझेदारी की और फिर आर अश्विन के साथ उन्होंने पारी को आगे बढ़ाया। अश्विन और जडेजा के बीच 130 रन की साझेदारी हुई। रवींद्र जडेजा टेस्ट क्रिकेट में काफी समय के बाद वापसी कर रहे थे और उन्होंने खुद को बल्ले से साबित कर दिखाया है।