April 30, 2024

तबाही के 10 दिन : रूसी हमले में 12 लाख लोग बेघर, कीव खाली- खारकीव बर्बाद

तबाही के 10 दिन : रूसी हमले में 12 लाख लोग बेघर, कीव खाली- खारकीव बर्बाद  
कीव । रूसी हमलों से यूक्रेन थर्रा गया है। बीते 10 दिन से राजधानी कीव समेत यूक्रेन के कई शहरों को रूसी सेना ने निशाना बनाया है। कई सरकारी इमारतें, स्कूल, शहर, घर, मोहल्ले सब तबाह हो चुके हैं। 12 लाख लोग बेघर हो गए हैं। कई बेगुनाह लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग घायल हैं। रूस ने हमलों से यूक्रेन के बसे बसाए शहरों को खंडहरों में बदल दिया है, लेकिन जंग अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही। जंग के 10 दिन यूक्रेन के लिए भारी तबाही वाले रहे हैं। कीव पर नियंत्रण की लड़ाई इस युद्ध का अंतिम मोड़ होगी। कीव के अलावा यूक्रेन के कई शहरों में रूस के सैनिक मौजूद हैं। रूस की सेना या तो शहरों को अपने नियंत्रण में ले रही है या उन्हें तबाह कर रही है। कीव की सडक़ों पर अभी रूस के टैंक नहीं हैं, लेकिन यूक्रेन के कई शहरों में रूस के टैंक, रॉकेट और मिसाइलों ने बड़े पैमाने पर तहत नहस कर दिया है।
रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के चारों तरफ पहुंच चुकी है, लेकिन कीव पर कब्ज़ा करना आसान नहीं हो रहा है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर कीव पर कब्ज़ा नहीं हो पाया तो युद्ध कई दिनों और लंबा खिंच सकता है। कीव को लेकर जंग की शुरुआत से ही रूसी सेना कीव पर हमले कर रही है। हालात ये हैं कि यहां कई इमारतें और घर रूसी हमलों में खंडहर में बदल गए हैं।
खारकीव यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहां रूस की सेना का नियंत्रण हो चुका है, लेकिन इस नियंत्रण की कीमत शहर के लोगों को चुकानी पड़ी है। बमबारी में इमारतें ध्वस्त हो गई और लोगों के घर तबाह हो गए। यहां एयर स्ट्राइक से लेकर ज़मीनी जंग भी चल रही है। खारकीव इतना अहम है कि स्स्क्र के वक्त ये पहली राजधानी था, लेकिन 1930 के बाद कीव को राजधानी बना दिया गया।
रूस की तरफ से दावा किया जा रहा है कि उसने यूक्रेन के खेरसॉन शहर पर कब्ज़ा कर लिया है। रूसी सेना ने शहर के रेलवे स्टेशन से लेकर खेरसॉन नदी के बंदरगाह पर कब्ज़ा जमा लिया है। ये शहर रूस के नियंत्रण वाले क्रीमिया के पास ही मौजूद है. खेरसॉन की आबादी 2 लाख 80 हज़ार है।
यूक्रेन के ओडेसा में रूस लगातार बमबारी कर रहा है, यहां उसने अपने पैराट्रूप भी उतारे हैं। यहां रूसी सेना हमले कर रही है। रूस ने जिस तरह से खारकीव को बर्बाद कर दिया। उसी तरह से चेर्निहाइव पर उसका कहर टूटा। शानदार इमारतों का शहर अब पुरातन खंडहर जैसा दिखाई दे रहा है। चेर्निहाइव में रूस ने इतने बम बरसाए हैं कि लोगों को भागने तक का वक्त नहीं मिला। धमाकों की गूंज कई किलोमीटर तक सुनी गई।
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(कीव)यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने से नाटो का इनकार, राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की भडक़े
कीव ,05 मार्च ।  यूक्रेन पर रूसी हमले का आज दसवां दिन है। रूस दिन प्रतिदिन हमला तेज करता जा रहा है। इन सबके बीच नाटो ने यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने से इनकार कर दिया है जिससे राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की भडक़ गए है। राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि नाटो ने इस कदम से रूस को ग्रीन सिग्नल दे दिया है, जिससे वह यूक्रेन के शहरों और गांवों में बमबारी जारी रखेगा।
दरअसल, यूक्रेन की ओर से नाटो से अपील की गई थी कि, वे यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करे, जिससे रूसी हमलों से बचा जा सके। वहीं, नाटो का मानना है कि, यह कदम रूस को और भडक़ा सकता है और इसमें कई देश कूद सकते हैं, जिससे पूरे यूरोप में युद्ध शुरू हो जाएगा। अमेरिकी विदेश मंत्री का भी कहना है कि यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने का मतलब है कि वहां पर रूसी हवाई जहाजों की घुसपैठ रोकने के लिए नाटो को अपने विमान भेजने पड़ेंगे, इससे पूरे यूरोप में युद्ध छिड़ जाएगा।
जेलेंस्की ने नाटो को कहा कमज़ोर
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश में यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष के बीच हाल ही में संपन्न हुए नाटो शिखर सम्मेलन को कमजोर बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि नाटो ने यूक्रेन को 50 टन डीजल प्रदान करने के अलावा कुछ नहीं किया। जेलेंस्की ने कहा, आज नाटो शिखर सम्मेलन हुआ। यह एक कमजोर शिखर सम्मेलन था, एक भ्रमित शिखर सम्मेलन, एक ऐसा सम्मेलन जो दिखाता है कि यूरोप में हर कोई स्वतंत्रता की लड़ाई को एक लक्ष्य नहीं मानता है। जेलेंस्की ने नाटो सदस्यों पर आरोप लगाया कि उन्होंने यूक्रेन पर हमला शुरू करने के लिए रूस को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि नाटो ने यूक्रेन को 50 टन डीजल प्रदान करने के अलावा कुछ नहीं किया।