November 22, 2024

ताजमहल में भगवा वस्त्र, धर्मदंड के साथ प्रवेश न देने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कहा गया है, ताजमहल में प्रवेश न देना हिंदू धर्म का अपमान


प्रयागराज । ताजमहल आगरा में भगवा वस्त्र और धर्मदंड लेकर प्रवेश न देने के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ ताजमहल में प्रवेश की अनुमति दी जाने की मांग की गई है। यह याचिका जगत गुरू परमहंस आचार्य धर्मेंद्र गोस्वामी की ओर से दाखिल की गई है।
कहा गया है कि जगद्गुरु परमहंस 26 अप्रैल 2022 को धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ ताजमहल में प्रवेश करने से रोका गया था। विवाद बढऩे पर उन्हें एएसआई आर के पटेल की ओर से ताजमहल में प्रवेश करने का निमंत्रण भेजा गया। इस निमंत्रण पर जब वह ताजमहल गए तो धर्म दंड को बाहर रखने की बात कही गई। कहा गया कि धर्मदंड के साथ ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परमहंस द्वारा बार-बार आग्रह करने पर भी उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें हाउस अरेस्ट करके वापस अयोध्या भेज दिया गया।
याचिका में कहा गया है कि इसके बाद चार मई 2022 को हिंदू युवा वाहिनी के एक नेता को धर्म दंड और भगवा वस्त्र के साथ प्रवेश की अनुमति दी गई थी। जिसकी खबरें समाचार पत्रों में प्रकाशित हुईं। परमहंस ने इसके बाद सक्षम अधिकारी के सामने धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ प्रवेश की अनुमति के लिए प्रत्यावेदन दिया था। जिसका निस्तारण नहीं किया गया। याचिका में मंदिर में धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ प्रवेश न देने और उनके प्रत्यावेदन को निस्तारित न करने को चुनौती दी गई है।
याची के अधिवक्ता का कहना है कि ताजमहल प्रशासन का यह कृत्य संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, और 19 का सीधा उल्लंघन है। सिर्फ धार्मिक वस्त्र और उसकी वेशभूषा के आधार पर किसी को कहीं आने जाने से रोका नही जा सकता है। खासकर जब तक प्रवेश करने वाली जगह पर विशेष प्रकार का ड्रेस कोड का प्रावधान ना किया गया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि ताजमहल में प्रवेश के लिए ऐसा कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है। धर्मदंड और भगवा वस्त्र पर ताजमहल में प्रवेश ना देना हिंदू धर्म का अपमान है।