December 27, 2024

पराये दर्द को अपना समझने का नाम ही कविता : भट्ट


बागेश्वर गरुड़ । राजकीय महाविद्यालय गरुड़ की छात्रा नीलम गोस्वामी की 57 कविताओं का पहला संग्रह आवाज मेरी कलम की का यहां विमोचन किया गया। विमोचन करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट ने कहा कि आज पुराना साहित्य और नया विज्ञान पढ़ने की सख्त जरूरत है। उत्तराखंड साहित्यकार समिति के तत्वाधान में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि साहित्यकार भट्ट ने कहा कि संकट के समय साहित्यकारों व पत्रकारों ने ही देश को संभाला है। उन्होंने कहा कि जो दूसरों के दर्द को अपना दर्द समझे, इसी वेदना का नाम कविता है। युवा कवयित्री नीलम गोस्वामी ने अपने काव्य संग्रह का परिचय कराते हुए कहा कि मुझे कविता लिखने की प्रेरणा अपने हाईस्कूल के साथियों से मिली। उन्होंने कहा कि यह 57 कविताओं का संग्रह है। इस संग्रह में सभी विषयों पर बेबाकी से कविताएं लिखी गई हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि मोहन जोशी ने तथा संचालन चंद्रशेखर बड़सीला ने किया। इस मौके पर कवियों ने अपनी रचनाओं से समाज की पीढ़ा भी उकेरी। इस दौरान रमेश पांडे बृजवासी, डॉ।  हेम चंद्र दूबे, डीके जोशी, महेश चंद्र पांडे, मनीष नाथ, नवीन चंद्र आदि मौजूद थे।