सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से चार कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.31 लाख करोड़ रुपये बढ़ा
)टाटा स्टारबक्स की आय बीते वित्त वर्ष में 76 प्रतिशत बढक़र 636 करोड़ रुपये पर
नईदिल्ली, । टाटा स्टारबक्स की आमदनी बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 76 प्रतिश्त बढक़र 636 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। कॉफी श्रृंखला का परिचालन करने वाली कंपनी ने कहा है कि कोविड संबंधी अंकुश हटने के बाद उसका परिचालन सामान्य हुआ है और वह अपने घाटे को ‘उल्लेखनीय’ रूप से कम करने में सफल रही है।
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (टीसीपीएल) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा स्टोर से कमाई बढऩे और वित्त वर्ष के दौरान नए स्टोर खोलने से टाटा स्टारबक्स की आमदनी में इजाफा हुआ है।
टीसीपीएल ने अपने संयुक्त उद्यम के प्रदर्शन को साझा करते हुए कहा कि परिचालन आय 76 प्रतिशत बढक़र 636 करोड़ रुपये पर पहुंच गई और कंपनी के शुद्ध घाटे में उल्लेखनीय कमी आई है।
हालांकि, कंपनी ने वित्त वर्ष के दौरान अपने शुद्ध घाटे का ब्योरा नहीं दिया है।
बीते वित्त वर्ष में कंपनी ने 50 स्टोर खोले हैं। उसके अब 26 शहरों में कुल 268 स्टोर हो गए हैं। टाटा स्टारबक्स का गठन 2012 में हुआ था। यह स्टारबक्स कॉरपोरेशन और टाटा समूह की एफएमसीजी इकाई टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स का 50:50 का संयुक्त उद्यम है। वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने इक्विटी पूंजी के रूप में 86 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
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(नईदिल्ली)मई में भी बिकवाल बने रहे एफपीआई, 40,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
नईदिल्ली,05 जून । विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला मई में लगातार आठवें महीने जारी रहा। अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा आक्रामक तरीके से दरों में बढ़ोतरी की आशंका से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। एफपीआई ने मई में भारतीय शेयर बाजारों से करीब 40 ,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस तरह 2022 में एफपीआई अबतक 1.69 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान का मानना है कि भू-राजनीतिक तनाव, ऊंची मुद्रास्फीति, केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक रुख में सख्ती आदि कारणों से आगे चलकर भी एफपीआई का प्रवाह उतार-चढ़ाव वाला रहने वाला है।
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने मई में शेयर बाजारों से कुल 39,993 करोड़ रुपये की निकासी की है। भारतीय बाजारों में कमजोरी की एक बड़ी वजह एफपीआई की निकासी ही है।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि हाल के समय में एफपीआई की बिकवाली की प्रमुख वजह अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में अधिक आक्रामक तरीके से वृद्धि की आशंका है। फेडरल रिजर्व इस साल बढ़ती मुद्रास्फीति पर काबू के लिए नीतिगत दरों में दो बार बढ़ोतरी कर चुका है।
बीडीओ इंडिया के भागीदार और लीडर (वित्तीय सेवा कर) मनोज पुरोहित ने कहा, ‘‘इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चिंता के बीच एफपीआई असमंजस में हैं। युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम चढ़ रहे हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा नीतिगत दरों में बढ़ोतरी, वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक रुख को सख्त करने और विदेशी मुद्रा डॉलर दर में बढ़ोतरी से विदेशी निवेशक संवेदनशील बाजारों में बिकवाली कर रहे हैं।’’
अक्टूबर, 2021 से मई, 2022 तक आठ माह में एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से 2.07 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने हालांकि कहा कि अब एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार धीमी हुई है। जून के शुरुआती दिनों में उनकी बिकवाली काफी कम रही है। उन्होंने कहा कि यदि डॉलर और अमेरिकी बांड पर प्रतिफल स्थिर होता है, तो एफपीआई की बिकवाली रुक सकती है।
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से चार कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.31 लाख करोड़ रुपये बढ़ा
मुंबई,। सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से चार कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में बीते सप्ताह 2,31,320.37 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 884.57 अंक या 1.61 प्रतिशत चढ़ गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और आईसीआईसीआई बैंक के बाजार पूंजीकरण में बढ़ोतरी हुई। वहीं दूसरी ओर एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, जीवन बीमा निगम (एलआईसी), भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचडीएफसी और भारती एयरटेल का बाजार मूल्यांकन घट गया। इन कंपनियों के मूल्यांकन में सामूहिक रूप से 68,140.72 करोड़ रुपये की कमी आई।
सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 1,38,222.46 करोड़ रुपये के लाभ के साथ 18,80,350.47 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 64,618.85 करोड़ रुपये बढक़र 12,58,274.59 करोड़ रुपये और इन्फोसिस का 25,728.52 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 6,40,373.02 करोड़ रुपये रहा। आईसीआईसीआई बैंक की बाजार हैसियत 2,750.54 करोड़ रुपये बढक़र 5,17,049.46 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
इस रुख के उलट भारती एयरटेल का बाजार मूल्यांकन 25,955.25 करोड़ रुपये घटकर 3,76,972.75 करोड़ रुपये रह गया।
जीवन बीमा निगम का मूल्यांकन 13,472.25 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 5,06,157.94 करोड़ रुपये पर आ गया।
एचडीएफसी की बाजार हैसियत में 9,355.02 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 4,13,299.36 करोड़ रुपये रह गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 8,963.69 करोड़ रुपये के नुकसान से 5,38,561.56 करोड़ रुपये पर आ गया।
वहीं एचडीएफसी बैंक की बाजार हैसियत 6,199.94 करोड़ रुपये घटकर 7,66,314.71 करोड़ रुपये और एसबीआई की 4,194.57 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 4,14,369.71 करोड़ रुपये रह गई।
शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, एलआईसी, एसबीआई, एचडीएफसी और भारती एयरटेल का स्थान रहा।
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ल्लेशिया से आयातित एल्युमीनियम उत्पादों पर प्रतिपूर्ति शुल्क नहीं लगाएगी सरकार
नईदिल्ली,। सरकार ने मलेशिया से आयातित कुछ एल्युमीनियम उत्पादों पर प्रतिपूर्ति शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया है। वित्त मंत्रालय ने इस बारे में व्यापार उपचार महानिदेशालय की सिफारिशों को खारिज कर दिया है।
वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने मलेशिया से विभिन्न स्वरूप में ‘एल्युमीनियम प्राइमरी फाउंड्री अलॉय इन्गोट’ के आयात पर इस साल 31 जनवरी को प्रतिपूर्ति शुल्क लगाने की सिफारिश की थी। घरेलू उद्योग की शिकायत के बाद डीजीटीआर ने यह सिफारिश की थी।
राजस्व विभाग की ओर से जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, केंद्र सरकार ने डीजीटीआर के अंतिम निष्कर्षों पर गौर करने के बाद इन सिफारिशों को खारिज करने का फैसला किया है।
घरेलू कंपनियों ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि मलेशिया से एल्युमीनियम उत्पादों के सब्सिडी वाले आयात की वजह से स्थानीय उद्योग को नुकसान हो रहा है। डीजीटीआर शुल्क लगाने की सिफारिश करता है। इसपर अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है।
प्रतिपूर्ति शुल्क किसी देश विशेष द्वारा सस्ते दाम या सब्सिडी वाले मूल्य पर अपने उत्पाद दूसरे देश में खपाने पर लगाया जाता है। यह शुल्क घरेलू उद्योग के संरक्षण के लिए लगाया जाता है।
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(चेन्नई)केएफसी इंडिया की 2022 में 20 पर्यावरण के अनुकूल रेस्तरां खोलने की योजना
चेन्नई, । फास्ट फूड श्रृंखला केएफसी इंडिया ने चेन्नई में ‘केएफकॉन्शियस’ रेस्तरां शुरू किया है। कंपनी का दावा है कि यह शहर का सबसे पर्यावरण के अनुकूल रेस्तरां हैं और इसमें ऊर्जा दक्षता पर ध्यान दिया गया है। साथ ही इसके लिए पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है।
कंपनी ने कहा कि उसकी योजना देश में 20 और ऐसे आउटलेट खोलने की है।
कंपनी ने बयान में कहा, यह देश का पहला ऐसा त्वरित सेवा रेस्तरां हैं। यह रेस्तरां चेन्नई के त्यागरायनगर (टी नगर) में खोला गया है।
बयान में कहा गया है कि केएफकॉन्शियस केएफसी की वैश्विक स्तर पर 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 46 प्रतिशत कमी के लक्ष्य के अनुरूप है।
कंपनी ने कहा कि इस रेस्तरां के डिजाइन और परिचालन को ऊर्जा दक्षता के साथ एकीकृत किया गया है। साथ ही इसमें पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल सामान का इस्तेमाल हुआ है। यमुनानगर एक्सप्रेसवे पर भी कंपनी के एक फूड कोर्ट में ऊर्जा दक्षता का ध्यान रखा गया है।