बागेश्वर में हरे पेड़ के कटान पर डीएफओ ने लगाई रोक
बागेश्वर। दुग-नाकुरी तहसील के खातीगांव-रंगदेव में डीएफओ ने तीन हरे तुन के पेड़ के कटान पर रोक लगा दी है। ग्रामीणों ने इन पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी थी, लेकिन भू-स्वामी तथा उनके परिजनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि पेड़ अभी हरे हैं। इसके कटान से पर्यावरण को भी नुकसान होगा। इसके बाद विभाग ने रोक की कार्रवाई की है। रमेश चंद्र कापड़ी ने 23 जून को डीएम तथा वनाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा। जिसमें उनका कहना है कि उनके जीजाजी गोवर्धन जोशी पुत्र चिंतामणि जोशी खातीगांव रंगदेव के मूल निवासी है। वर्तमान में वह मुंबई में रहते हैं। वे लंबे समय से बीमार है। अभी चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं। उनके गांव के मकान के पास तुन के तीन पेड़ हैं। जिनका पालन पोषण व संरक्षण उनके पिता के समय से ही उनके द्वारा किया जा रहा है। तीनों की पेड़ हरे-भरे हैं। उन्हें जानकारी मिली है कि उन पेड़ों से आबादी क्षेत्र को नुकसान होन की आशंका बताते हुए उसे काटने की तैयारी की जा रही है। फोरेस्टर दोफाड़ द्वारा इन्हें काटने के लिए छपान भी कर दिया है। किसी भी वक्त पेड़ों को काटा जा सकता है। तीनों पेड़ हरे हैं। इस पेड़ों से किसी को भी कोई खतरा नहीं है। इसके पातन से दुर्लभ प्रजाति के पेड़ों के साथ पर्यावरण को भी नुकसान होगा। उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की है।
खातीगांव रंगदेव में हरे पेड़ के कटने पर रोक लगाने के लिए पत्र मिल गया है। इसके बाद विभागीय जांच की गई। जांच के बाद तीनों हरे तुन के पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी है। – हिमांशु बंगारी, डीएफओ बागेश्वर।