लोकसभा चुनाव का सेमीफाईनल होगा नगर निकाय चुनाव
देहरादून। लोकसभा चुनाव भले ही 2024 में प्रस्तावित हों, लेकिन इसका सेमीफाइनल खेले में जाने में अब ज्यादा देर नहीं है। वर्ष 2023 में नगर निकायों के चुनाव सेमीफाइनल सरीखे ही होंगे। मार्च 2023 में नगर निकायों के बोर्डों का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
निकाय चुनाव की अग्निपरीक्षा में जो राजनीतिक दल पास होगा, उसके पास लोकसभा चुनाव के दौरान भरा पूरा मनोवैज्ञानिक बल मौजूद रहेगा। सत्तारूढ़ भाजपा के जेहन में नगर निकाय दिल्ली के चुनाव नतीजे जरूर रहेंगे, जहां पर आम आदमी पार्टी ने उसका खेल बिगाड़ दिया है।
पांच साल पहले नगर निकायों के चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा ने बेहतर प्रदर्शन किया था। हरिद्वार और कोटद्वार नगर निगमों को छोड़कर बाकी पांच निगमों में भाजपा के मेयर चुने गए थे। हरिद्वार और कोटद्वार नगर निगमों में मिली हार भाजपा को इसलिए भी ज्यादा चुभी, क्योंकि इन दोनों जगहों के विधायक प्रदेश मंत्रिमंडल का हिस्सा थे। वर्ष 2023 के नगर निकायों के चुनाव में भाजपा पर फिर से बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव रहेगा, क्योंकि विधानसभा चुनाव में उसे 70 में से 47 सीटें हासिल हुई हैं। इन स्थितियों के बीच, भाजपा के सामने दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे भी होंगे।
भाजपा की कोशिश रहेगी कि वह निकाय चुनाव में शानदार जीत हासिल करके अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपना मनोबल ऊंचा रखे। उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटें हैं, जो कि वर्तमान में भाजपा के कब्जे में है। दूसरी तरफ, कांग्रेस की कोशिश भी निकाय चुनाव में दमदार प्रदर्शन करने का रहेगा। विधानसभा चुनाव में इस बार उसकी सीटें बढ़कर 19 हो गई हैं जबकि पिछली बार वह सिर्फ 11 सीटें जीत पाई थीं। पड़ोसी राज्य हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बन जाने के बाद पार्टी का हौसला बढ़ा है। आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में लगातार हाथ पैर मार रही है, लेकिन उसका खाता नहीं खुल पा रहा है। निकाय चुनाव में वह किस रूप में सामने आती है, यह देखना होगा। यही स्थिति यूकेडी, सपा, बसपा जैसे दलों की भी रहेगी।